30 नवम्बर को संसद घेरेंगे 27 राज्यों के किसान
रामलीला मैदान में 29 नवम्बर को एक जनसभा होगी और 30 नवम्बर को किसान संसद की ओर मार्च करेंगे;
नयी दिल्ली। राम मंदिर की जगह कृषि संकट की तरफ पूरे देश का ध्यान आकर्षित करने के लिए 200 से अधिक संगठनों से जुड़े करीब एक लाख किसान 30 नवम्बर को संसद को घेरेंगे और शीत कालीन सत्र में किसानों से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित करने के लिए सरकार पर दवाब डालेंगे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से जुड़े अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव एवं पूर्व सांसद हन्नान मोल्ला तथा अध्यक्ष अशोक धावले ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि मार्च में नासिक से मुम्बई तक की ऐतिहासिक मार्च और पांच सितम्बर को राजधानी में किसान मजदूर रैली की सफलता के बाद अब फिर 29 और 30 नवम्बर को 27 राज्यों के किसान एक बार फिर यहां जुटेंगे।
संवाददाता सम्मेलन किसान सभा के दोनों संयुक्त सचिव के. के. रागेस एवं माकपा के लोकसभा सदस्य तथा बिज्जू कृष्णन भी मौजूद थे। मोल्ला ने कहा कि देश में अब तक चार लाख किसानों ने आत्महत्या की है लेकिन जनता को कभी सबरीमाला मंदिर तो कभी अयोध्या में मंदिर के मुद्दे पर भटकाया जा रहा है और असली समस्यायों पर तो कभी बात ही नहीं होती।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद कभी किसानों की कोई मांग नहीं मानी और उनके क़र्ज़ माफ़ नहीं किये इसलिए हम लोग संसद का एक विशेष सत्र किसानों की समस्यायों पर चर्चा के लिए बुलाने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही भूमि अधिकार कानून से संबंधित अध्यादेश लाकर उसे कमजोर बना दिया और किसानों के हितों को प्रभावित कर उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया। अब सरकार किसानों को किये गये अपने वादों का भी पालन नहीं कर रही है।
उन्होंने बताया कि देश के 207 संगठनों से जुड़े किसानों के संघर्ष को आगे बढ़ने के लिए गठित अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बैठक मंगलवार को हो रही है जिसमें 29 तथा 30 नवंबर की किसान रैली की पूरी रूपरेखा तैयार होगी।
उन्होंने कहा कि रैली में भाग लेने के लिए सभी गैर भाजपा दलों को भी इसमें आमंत्रित किया गया है। किसान नेता ने कहा कि पिछले चार साल में हम लोग न जाने कितनी जगह छोटी बड़ी रैलियां कर चुके हैं और 80 हज़ार किलोमीटर की समय-समय पर यात्रा कर चुके हैं और अब उस संघर्ष को आगे बढ़ने के लिए चार बड़ी रलियां कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि सांसद के. के. रागेस, सांसद राजू शेट्टी ने किसान कर्ज मुक्ति विधेयक तथा किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य विधेयक संसद में पेश कर चुके हैं जिन्हें पारित कराने के लिए वे सरकार पर दवाब डालेंगे।