किसानों ने बिजली के बढ़े दाम वापस लेने की मांग की

किसानों के खेती में उपयोग होने वाले नलकूपों की बिजली प्रदेश सरकार ने बढ़ा दिया है, बढ़े बिजली के दामों को वापस लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिले के सभी तहसीलों में उपजिलाधिकारी को;

Update: 2017-12-16 14:24 GMT

ग्रेटर नोएडा। किसानों के खेती में उपयोग होने वाले नलकूपों की बिजली प्रदेश सरकार ने बढ़ा दिया है, बढ़े बिजली के दामों को वापस लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिले के सभी तहसीलों में उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देकर अपनी मांग रखी। 

सदर तहसील के अध्यक्ष सुरेंद्र नागर व राष्ट्रीय सचिव लज्जाराम नागर के नेतृत्व में, दादरी तहसील पर तहसील अध्यक्ष विजय सिंह व जिला अध्यक्ष मनोज मावी के नेतृत्व में, और जेवर तहसील पर तहसील अध्यक्ष शमशाद सैफी,प्रदेश सचिव पवन खटाना,जीवन सिंह मंडल उपाध्यक्ष मेरठ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए गए। इस अवसर पर किसानों का कहना था कि उत्तर प्रदेश में बिजली के दामों में अचानक की गई 50 से लेकर 150 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है, जिससे किसान व मजदूर की कमर टूट जाएगी। किसी भी वस्तु का रेट थोक मूल्य सूचकांक या महंगाई दर के आधार पर तय किया जाता है।

किसानों की फसलों के मूल्य में महंगाई दर से भी कम वृद्धि की जाती है। जिसका उदाहरण हाल में ही गन्ना, धान, गेंहू में की गई वृद्धि है। बिजली की दरों में 50 प्रतिशत वृद्धि से किसानों की लागत में भारी वृद्धि होगी। 

देश के अन्य राज्यों में किसानों को उत्तर प्रदेश से सस्ती व कुछ राज्यों में राज्य सरकार बिना बिल की बिजली उपलब्ध कराती है। जिससे किसानों पर अधिक भार ना पड़े। प्रदेश सरकार के इस फैसले से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा व किसानों पर कर्ज का भार बढ़ेगा। किसानों ने मांग की है कि बिजली विभाग द्वारा घोषित नई दरों को अविलम्ब वापिस लिया जाए। विद्युत दरों के पुनर्निधारण हेतु  हर वर्ग के विद्युत उपभोक्ताओं से वार्ता की जाए। एनजीटी के पुराने वाहनों पर आदेश से ट्रैक्टर को मुक्त किया जाए। सभी तरह के वाहनों की समय सीमा 15 वर्ष की जाए। 

भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र के अनुसार किसानों की फसल लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का फॉर्मूला तुरंत लागू किया जाए। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे की खरीद को अपराध माना जाए। सभी मुख्य फसलों, फलों, सब्जी व दूध को न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधीन लाया जाए। ललितपुर में किसानों पर लगाए गए झूठे मुकदमे समाप्त किए जाएं। महासचिव ओमप्रकाश, कसाना राजे, प्रधान, पूरन सिंह आर्य, जगदीश शर्मा, प्रदेश महासचिव अजय पाल शर्मा, विभोर शर्मा, सतवीर प्रधान, यादराम, दिनेश शर्मा, इंदरजीत, मनोज मावी, सुरेंद्र नागर आदि मौजूद रहे।

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