कारोबारी की मौत पर परिजन उठा रहे हैं सवाल
अफ्रीकी मूल के विद्यार्थियों पर हुए हमले में एक कारोबारी की संदिग्ध मौत हो गई;
ग्रेटर नोएडा। अफ्रीकी मूल के विद्यार्थियों पर हुए हमले में एक कारोबारी की संदिग्ध मौत हो गई। कारोबारी का शव 27 मार्च की शाम साइट-4 के जंगल से पुलिस ने अज्ञात हालत में बरामद किया था और देर रात उसकी पहचान हो गई। पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। जबकि परिजन हत्या का आरोप आरोप लगा रहे हैं।
मंगलवार को कासना कोतवाली पहुंचे परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस एक सप्ताह से उन्हें ही जेल भेजने की धमकी देकर डरा रही है और हत्या की रिपोर्ट नहीं दर्ज कर रही है। 27 मार्च की शाम कुछ लोगों ने अंसल प्लाजा में अफ्रीकी मूल के छात्रों पर हमला किया था। कासना पुलिस इस मामले को नियंत्रण करने में जुटी थी। तभी शाम करीब 7 बजे साइट-4 के जंगल में अज्ञात व्यक्ति का शव पेड़ से लटका होने की सूचना मिली।
पुलिस का कहना है कि शव को यथार्थ अस्पताल में रखवा दिया गया। रात करीब 11 बजे सेक्टर-36 निवासी धर्मवीर कुछ लोगों के साथ ऐच्छर चौकी पहुंचे। उन्होंने अपने बेटे वीरपाल (35वर्ष) को दोपहर बाद से लापता होने की शिकायत की। पुलिस ने शव की फोटो दिखाकर पहचान कराई, तो उन्होंने शव वीरपाल की बताई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दी।
ऐच्छर चौकी इंचार्ज यतेंद्र यादव का कहना है कि रिपोर्ट में भी हैंगिंग आया है। कासना कोतवाली के एसएचओ अवनीश दीक्षित का कहना है कि वीरपाल ने लोन लेकर 3 हाइवा खरीदी है। बिल्डिंग मटेरिया का धंधा नोटबंदी के बाद से ही बंद है। हाइवा की 1.80 लाख रुपए मासिक किश्त है, जो 4 महीने से नहीं दी गई है। कई अन्य लोगों से भी लाखों रुपए कर्ज लिया है। शाम 3 बजे उसने एक अन्य दोस्त को शराब पीने के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं गया। शाम 4 बजे उसने अपनी पत्नी से बात की है। पत्नी नहीं बता रही है कि उससे क्या बात हुई। 26 मार्च को वीरपाल ने पत्नी व बच्चों के साथ मारपीट भी की थी।