ईएसआईसी ने फर्जी प्रसव घोटाले का किया भंडाफोड़

गर्भधारण करने और बच्चे को जन्म देने में साधारण मामलों में भले ही तकरीबन साल भर का समय लगता हो, लेकिन कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) से जुड़ी कुछ महिला कर्मचारियों के लिए ऐसा नहीं है;

Update: 2019-05-27 15:20 GMT

नई दिल्ली। गर्भधारण करने और बच्चे को जन्म देने में साधारण मामलों में भले ही तकरीबन साल भर का समय लगता हो, लेकिन कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) से जुड़ी कुछ महिला कर्मचारियों के लिए ऐसा नहीं है।

ईएसआईसी के एक आंतरिक ऑडिट में खुलासा हुआ है कि निगम से जुड़ी निजी सेक्टर की दर्जनों महिला कर्मचारियों ने खुद को गर्भवती दर्शा कर एक साल में कम से कम चार बार बीमा और मातृत्व अवकाश के अन्य लाभ उठाए और कुछ मामलों में तो इससे भी ज्यादा।

फरीदाबाद के सेक्टर 16 में स्थित ईएसआईसी के क्षेत्रीय कार्यालय के ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी मेडिकल रिपोर्ट्स जमा करके यह फर्जीवाड़ा किया गया।

मातृत्व अवकाश के तहत 26 सप्ताह की सवैतनिक छुट्टी मिलती है।

दिल्ली में ईएसआईसी मुख्यालय का सर्तकता विभाग इस मामले की जांच कर रहा है।

ईएसआईसी की सर्तकता टीम ने मामले से जुड़े पिछले तीन सालों के दस्तावेज मांगे हैं।

ईएसआईसी के क्षेत्रीय कार्यालय के आयुक्त, डी.के. मिश्रा ने कहा, "हमने मामले से जुड़े दस्तावेज सौंप दिए हैं। सतर्कता विभाग ने इस संबंध में पिछले तीन सालों के रिकॉर्ड भी मांगे हैं।"

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