इंजीनियरिंग निर्यात 3 अंकों में पहुंच सकता है : ईईपीसी इंडिया

भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात के पिछले वित्त वर्ष में सर्वाधिक 76.2अरब डॉलर पर पहुंचने और वर्तमान वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में 11.3फीसदी वृद्धि होने के बाद जल्द ही तीन अंकों में पहुंचने की उम्मीद है;

Update: 2018-11-28 23:18 GMT

कोलकाता। भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात के पिछले वित्त वर्ष में सर्वाधिक 76.2 अरब डॉलर पर पहुंचने और वर्तमान वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में 11.3 फीसदी वृद्धि होने के बाद जल्द ही तीन अंकों में पहुंचने की उम्मीद है। शीर्ष संस्था के 34वें पूर्वी क्षेत्रीय पुरस्कार समारोह में इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (ईईपीसी इंडिया) के अध्यक्ष रवि मित्तल ने कहा, "इंडियन इंजीनियरिंग एक्सपोर्टर्स के वार्षिक निर्यात के तीन अंकों में पहुंचने की आकांक्षा जल्द ही सच हो सकती है।"

कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी और अमेरिका के महावाणिज्य दूत पट्टी हॉफमैन भी मौजूद थे।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (डीजीटीआर) का गठन करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की प्रशंसा करते हुए सहगल ने कहा कि निदेशालय ना सिर्फ घरेलू उद्योगों को देगा बल्कि निर्यातकों को भी आयातक देशों द्वारा उनके खिलाफ जांच करने के बढ़ते मामलों से निपटने में भी व्यापार सुरक्षा प्रदान करेगा।"

महावाणिज्य दूत ने कहा कि गैर शुल्क अवरोधों से निपटने के लिए सरकार के सहयोग की जरूरत होती है जिसे डीजीटीआर उपलब्ध कराएगा।

संस्था ने हालांकि जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफरेंसेस (जीएसपी) के विस्तार पर अस्पष्टता पर भी चिंता जताई। जीएसपी से भारत के 5.6 अरब डॉलर के 1,937 उत्पादों की अमेरिका में शुल्क रहित प्रवेश की अनुमति मिलती है।

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