मंजुर तराई में हाथियों का उत्पात 13 घरों को किया धराशायी
बरिमा के मंजुरतराई इलाके में लगातार तीसरे दिन हाथियों का आतंक जारी रहा;
मैनपाट । बरिमा के मंजुरतराई इलाके में लगातार तीसरे दिन हाथियों का आतंक जारी रहा। कल देर रात पहुंचे नौ हाथियों के दल न एक-एक कर 13 घरों को तोड़कर वहां रखा करीब साढ़े आठ क्विंटल अनाज खा लिए। दो दिनों में इस इलाके में हाथियों ने 20 घरों को तोड़ दिया है। रात भर उत्पात मचाने के बाद हाथी धरमजयगढ़ के कापू रेंज में चले गए है।
यह इलाका मैनपाट से कुछ किमी के दायरे में है। इससे हाथियों के फिर लौटने की आषंका पर प्रभावित गांव के लोगों को रात में दूसरी जगह ठहराया जा रहा है। मैनपाट के कंडराजा बस्ती को पिछले साल बर्बाद करने के बाद अब हाथी बरिमा की माझी बहुल बस्ती मंजुरतराई को निषाना बना रहे हैं। बरिमा पंचायत के पकरीपारा और मंजुरतराई में तीन दिनों से हाथी रोज उत्पात मचा रहे हैं।
कल राज नौ हाथियों के दल ने देर रात मंजुरतराई के जंगल से सटे ग्रामीणों के घरों पर धावा बोल कर 13 घरों को नुकसान पहुंचाया। हाथियों को घनी बस्ती में घुसने से रोकने के लिए एसडीओ फारेस्ट चूड़ामणि सिंह, रेंजर आरपी सोनी सहित 14 बीटगार्ड व ग्रामीण देर रात वहां डटे रहे। इससे हाथी जंगल से सटे घरों को तोड़कर फिर लौट गए।
इस दौरान करीब साढ़े आठ क्विंटल अनाज हाथियों ने चट कर दिया। प्रभावित इलाके के ग्रामीणों को रात बिताने मंजुरतराई के स्कूल व जूनापारा के आंगनबाड़ी भवन में व्यवस्था की गई है। हाथी लंबे समय बाद मैनपाट में उत्पात मचा रहे हैं। इससे पहले कंडराजा इलाके में हाथियों ने काफी नुकसान पहुंचाया था।
एसडीओ फारेस्ट सिंह ने बताया कि मैनपाट में हाथी उस हिस्से से आ रहे हैं जहां एलिफेंट प्रूफ टैंऊच नहीं खोदे गए है। हाथी मैनपाट से लेकर उदयपुर के करीब 50 किमी के घने जंगल में साल भर घूमते रहते हैं। कभी घटौन में यही हाथी उत्पात मचाते हैं तो कुछ दिनों के लिए दल मैनपाट के कंडराजा तक पहुंच जाता है।
बरिमा के मंजुरतराई में जिन ग्रामीणों के घर को हाथियों ने तोड़ा उनमें इंद्रदेव माझी, केंदा माझी, मंत्री राम, फेकाऊ राम, नंदलाल राम, अवधेष यादव, शीतल राम, सांझू राम, नैहर साय, नानसाय, संतोष, तनीस राम व मथियस हैं। इसमें कुछ ग्रामीणों के घरों को हाथियों ने दोबारा तोड़ा है।
बनाए जाएं पक्के मकान
हाथियों के उत्पात से बर्बाद कंडराजा में पक्के मकान के बाद यहां के लोग राहत महसूस कर रहे है। इसी तरह अब मंजुरतराई इलाके में भी पक्के मकान बनाए जाने की मांग ग्रामीणों ने की है। कंडराजा का प्रयोग सफल होने के बाद अब इस इलाके में पक्के मकान बनने से लोगों को हाथियों के उत्पात से निजात मिलेगी।
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