सरचार्ज व निर्धारित शुल्क से बढ़ेगा बिजली का बिल, दरों में नहीं की वृद्धि
दिल्लीवासियों की जेब पर बिजली के दाम में मामूली बढ़ोत्तरी का भार पड़ेगा;
नई दिल्ली। दिल्लीवासियों की जेब पर बिजली के दाम में मामूली बढ़ोत्तरी का भार पड़ेगा। दरअसल बिजली कंपनियों ने सीधे बिजली के दाम न बढ़ाकर निर्धारित शुल्कमें बदलाव के जरिए दिल्लीवासियों की जेब से पैसे निकालने की योजना का ऐलान किया है। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग ने आज नई दरों में कहा कि बिजली के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन सरचार्ज जरूर बढ़ा दिया गया है और इससे बिल में बढ़ोत्तरी जरूर होगी। हालांकि एक किलोवाट के कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को राहत मिली है व उन्हें 40 रूपए के स्थान पर 20 रुपए देने होंगे। जबकि तीन से पांच किलोवाट तक के कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं के बिल में पांच रुपए से लेकर 75 रुपए तक बढ़ जाएंगे।
इसके साथ ही रिटायरमेंट सरचार्ज के तौर पर उपभोक्ता से 3.70 प्रतिशत अर्थात प्रति सौ रूपए पर 3.70 रूपए अतिरिक्त जरूर वसूला जाएगा। जानकारों की मुताबिक इसकी वसूली में एक साल का वक्त लग जाएगा। दरों में दो किलोवाट तक के लिए कोई बदलाव नही किया गया है लेकिन तीन किलोवाट वालों के लिए हर महीने 5 रुपये ज्यादा चुकाना होगा पहले 100 रुपये देना होता था अब 105 देना होगा तो वहीं चार किलोवाट वाले उपभोक्ताओं को 40 रुपये जायदा देने होंगे। उन्हे पहले 100 रुपये शुल्क अदा करना होता था जो कि अब 140 रूपए हो जाएगा। वहीं पांच किलोवाट वाले उपभोक्ताओं को हर महीने 75 रुपये बढ़ाकर 175 रुपये चुकाने होंगे।
आयोगने ई-रिक्शा चार्जिंग के लिए 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर का ऐलान किया है तो वहीं कृषि के लिए मंजूर लोड 10 केवी से बढ़ाकर 20 केवी कर दिया गया है। इसके साथ ही गोशालाओं को घरेलू श्रेणी के तहत लाया गया है तो छोटे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के उपभोक्ताओं जिनकी खपत 400 यूनिट तक होगी उन्हें भी राहत देते घरेलू श्रेणी में लाया गया है। पहले यह झुग्गी बस्तियों तक सीमित था। गुरुवार को दिल्ली बिजली नियामक प्राधिकरण यानी डीआईआरसी की बैठक में यह फैसला लिया गया। नई दरों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजली की दरें नहीं बढ़ी क्योंकि यह ईमानदार सरकार है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब तीन साल में भी बिजली के दाम न बढ़े हो। उन्होंने3.70 प्रतिशत सरचार्ज को मामूली बताते हुए कहा कि यदि कोई 1000 यूनिट खर्च करता है तो जाकर 200 रूपए देने होंगे। ये आप सरकार की बड़ी उप्लब्धि है। ऊर्जा मंत्री सतेंद्र जैन कहा कि कृषि कार्य करने वालों मांग थी कि उन्हें मोटर चलाने के लिए 20 किलोवाट तक चाहिए। जिसे सरकार ने मान लिया है।