बिजली संकट से निपटने के लिए बिजलीघरों को बनाने की कवायद तेज
मौसम बदलने के साथ बिजली का संकट भी बढ़ेगा। गर्मी में बिजली की मांग बढ़ती है तो बिजली विभाग के दावे फेल हो जाते हैं।;
गाजियाबाद। मौसम बदलने के साथ बिजली का संकट भी बढ़ेगा। गर्मी में बिजली की मांग बढ़ती है तो बिजली विभाग के दावे फेल हो जाते हैं। अघोषित कटौती का खेल शुरू हो जाता है। इस बार बिजली संकट से निपटने के लिए विभाग अभी से जुट गया है।
33 केवी के निर्माणाधीन बिजलीघरों को बनाने की कवायद तेज हो गई है। नगरीय क्षेत्र में दस बिजलीघर निर्माणाधीन हैं। इन बिजलीघरों को इसी वित्तीय वर्ष में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इन बिजलीघरों के शुरू होने से करीब दो लाख उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा।
शहर में विद्युत व्यवस्था सुधारने के लिए एलएंडटी कंपनी काम कर रही है। कंपनी जर्जर तारों, खंभों व ट्रांसफार्मर को बदलने का काम करा रही है। गर्मी में बिजली की किल्लत से निपटने के लिए बिजली में ढांचागत सुधार के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके साथ ही प्रताप विहार में 220 केवी के बिजलीघर का निर्माण कार्य तेज हो गया है। शास्त्रीनगर, लालकुआं, गोङ्क्षवदपुरम समेत अन्य बिजलीघरों की क्षमता बढ़ाई जा रही हैं। इंदिरापुरम 400 केवी बिजलीघर के लिए टावर लगाने के बाद लाइन खींचने के काम में तेजी आई है।
31 मार्च तक यह बिजलीघर हो जाएंगे शुरू
नंद्रग्राम, राजनगर सेकेंड, कविनगर सेकेंड, करहेड़ा, हर्षा कंपाउंड, वसुंधरा सेक्टर-14, अकबरपुर बहरामपुर, मोदीनगर, हज हाउस। बिजलीघरों का निर्माण कार्य तेज हो गया है। 31 मार्च तक निर्माण कार्य पूरा हो जाने की उम्मीद है। कम क्षमता के ट्रांसफार्मर लगे हैं वहां पर उच्च क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है। जर्जर तारों को बदलने का काम तेज हो गया है। 220 केवी प्रताप विहार बिजलीघर का निर्माण कार्य तेज हो गया है। इंदिरापुरम 400 केवी बिजलीघर अप्रैल से शुरू हो जाएगा।