युद्ध के नाम पर चुनाव प्रचार बंद हो

लगातार घट रही लोकप्रियता के कारण की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पाकिस्तान के साथ चल रहे वर्तमान तनाव को चुनाव के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं;

Update: 2019-02-28 21:39 GMT

नई दिल्ली। लगातार घट रही लोकप्रियता के कारण की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पाकिस्तान के साथ चल रहे वर्तमान तनाव को चुनाव के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। चुनाव सरकार को पांच साल की उपलब्धियों के आधार पर वोट मांगना चाहिए, न कि नफरत की राजनीति करना चाहिए।

राजधानी में आज आल इंडिया पीपुल्स फोरम की ओर से जारी जनता के घोषणपत्र को जारी करते समय वामपंथी नेता कविता कृष्णन ने कही। घोषणापत्र में 14 बिंदुओं को शामिल किया गया है, जिसमें जनता से जुड़े लगभग सभी मुद्दों को शामिल किया गया है। घोषणापत्र में इस बात पर जोर दिया गया है, कि देश 1 फीसदी लोगों का नहीं है, इसीलिए बड़े पूंजीपतियों पर संपत्ति कर और उत्तराधिकारी टैक्स लगाने की मांग की है, इससे प्राप्त राशि का उपयोग देश की जनता को मुफ्त स्वास्थ्य व शिक्षा देने के लिए किया जा सकता है।

घोषणापत्र में शिक्षा का बजट कुल बजट का 10 फीसदी, चुनाव सुधार लागू करने, खाली पड़े 24 लाख पदों को तत्काल भरा जाए, साथ ही 18 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाए। घोषणापत्र में मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़कर न्यूनतम मजदूरी 500 रुपए प्रति दिन करने की मांग भी की गई। कविता ने बताया, कि एआईपीएफ तमाम प्रगतिशील संगठनों ने मिलकर बनाया है, कई राज्यों में इसकी इकाईयों का गठन किया जा चुका है।

कार्यक्रम में उपस्थित डा सुनीलम ने कहा, कि वे युद्ध के विरोधी हैं और चाहते हैं, कि यह मामला बातचीत से निपटे, क्योंकि युद्ध से दोनों देशों का नुकसान होगा।

उन्होंने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस लेने की मांग भी की। कार्यक्रम में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष बालाजी, महिला कार्यकर्ता लीना डिब्रू सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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