सप्ताह भर के भीतर मिले दर्जन भर पीलिया के मरीज

तेज गर्मी के बीच एक ओर जहां लोग पेयजल से लेकर आम निस्तारी के लिए बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे वहीं दूषित पेयजल के चलते पीलिया का संक्रमण भी पैर पसारने लगा है;

Update: 2018-05-05 10:38 GMT

गर्मी से उत्पन्न पेयजल संकट के बीच दूषित पानी भी हो सकता है संक्रमण की वजह 

जांजगीर। तेज गर्मी के बीच एक ओर जहां लोग पेयजल से लेकर आम निस्तारी के लिए बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे वहीं दूषित पेयजल के चलते पीलिया का संक्रमण भी पैर पसारने लगा है। पिछले चार दिनों के भीतर ही दर्जन भर मरीज जिला अस्पताल पहुंच चुके है, जिसमें नवागढ़ विकासखण्ड के धुरकोट के एक ही परिवार के चार सदस्य सहित खैरताल के पीड़ित शामिल है। पीलिया की बीमारी के लिए मुख्य वजह दूषित भोजन के अलावा दूषित पानी को माना जाता है।

जिले में इनदिनों भूमिगत जलस्त्रोत का स्तर नीचे गिरने की वजह से लोग किसी तरह टैंकरों अथवा हैण्डपंप से  पेयजल की व्यवस्था में लगे है।  ऐसे में बिना ट्रीटमेंट किये पानी का उपयोग सीधे-सीधे बीमारियों के संक्रमण का कारण बन सकता है। अभी से छिटपुट रूप से ही सही पीलिया व डारिया के मरीज जिला चिकित्सालय पहुंचने लगे है। स्वास्थ्य विभाग की माने तो पिछले तीन-चार दिनों के भीतर ही दर्जन भर पीलिया के मरीज भर्ती हुये है। इधर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग साल में दो बार भूमिगत जलस्त्रोतों के शुद्धिकरण का दावा कर रहा है। मगर अधिकांश जल स्त्रोतों से गंदा पानी निकलने की शिकायत मिल रही है। 

जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। जिला चिकित्सालय में ग्राम खैरताल के भर्ती मरीज छोटेलाल राठौर ने बताया कि उनके परिवार के ही चार सदस्य स्वास्थ्य परीक्षण कराये, जिसमें पीलिया होना पाया गया है। चार सदस्य जिला चिकित्सालय में भर्ती होकर ईलाज करा रहे है। ऐसे में एक बार फिर पेयजल स्त्रोतों की साफ-सफाई को लेकर पीएचई विभाग के दावों की पोल खुलने लगी है।

अभी से जल संक्रमित बीमारियां पीलिया, डायरिया के मरीज आने लगे है। समय रहते इस पर प्रभावी कदम न उठाने पाने की दशा में इसके फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। गर्मी के चलते पेयजल स्त्रोत सुखने के साथ ही जल स्त्रोतों के शुद्धिकरण आवश्यक हो जाता है। मगर आनन-फानन में कागजी कार्रवाई से जल स्त्रोतों के क्लोरिनाईजेशन का दावा खोखला साबित हो रहा है।

विदित हो कि राजधानी रायपुर में भी बड़ी संख्या में लोग दूषित पानी के चलते पीलिया की चपेट में आये थे। ऐसे में जिले में इसकी आहत को लेकर स्वास्थ्य अमला सक्रिय हो गया है। जो लोगों से पानी उबालकर पीने तथा भूख न लगने, मतली आने अथवा पेशाब में पीलापन की स्थिति में तत्काल डॉक्टरों से संपर्क करने की बात कह रहे है। 

प्रभावित ग्राम में क्लोरिनाईजेशन का दिया गया निर्देश- पीएचई 
इस संबंध में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के ईई पीके केशरवानी ने बताया कि उन्हें मीडिया के माध्यम से खैरताल गांव में एक ही परिवार के कुछ सदस्यों के पीड़ित होने की सूचना मिली, जिस पर नवागढ़ एसडीओ को तत्काल गांव पहुंच पेयजल स्त्रोत के शुद्धिकरण के निर्देश दिये है। 

संक्रमण से बचने खान-पान का रखे ध्यान- डॉ. अनिल जगत
जिला चिकित्सालय में पदस्थ एमडी मेडिसीन डॉ. अनिल जगत ने बताया कि इनदिनों अस्पताल में पीलिया व डायरिया के मरीज आ रहे है। जिसका प्रमुख वजह दूषित पानी व दूषित भोजन हो सकता है। ऐसे में गर्मी से बचने के अलावा खान-पान की शुद्धता का ख्याल रखा जाना जरूरी है। 

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