बारिश और बाढ़ से कर्नाटक बेहाल

मूसलधार बारिश और बाढ़ से कर्नाटक के कोडागू जिले में कहवा (काफी) बगानों में काफी तबाही मची है और देश के सबसे बड़े कहवा (कॉफी) उत्पादक क्षेत्र में फसल को भारी नुकसान पहुंचा है;

Update: 2018-08-26 18:02 GMT

बेंगलुरू। मूसलधार बारिश और बाढ़ से कर्नाटक के कोडागू जिले में कहवा (काफी) बगानों में काफी तबाही मची है और देश के सबसे बड़े कहवा (कॉफी) उत्पादक क्षेत्र में फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। यह जानकारी कॉफी बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने दी। 

कॉफी बोर्ड के अध्यक्ष एम. एस. बोजे गौड़ा ने आईएएनएस से बातचीत में यहां कहा, "इस साल हम कहवा की अच्छी पैदावार की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ के कारण जिले में करीब 60 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है।"

उन्होंने बताया कि बारिश और भूस्खलन से ऊपरी मिट्टी का अपरदन हो गया है और नमी ज्यादा होने से कहवा बागान को नुकसान पहुंचा है। गौड़ा ने कहा कि सैकड़ों बागान मालिक और छोटे किसानों को अब नई बेरी (कहवे का फल) निकलने और पकने के लिए एक साल का इंतजार करना पड़ेगा। 

कोडागू जिले के करीब 45,000 कहवा उत्पादक देश का 40 फीसदी कहवा का उत्पादन करता है और सुगंधित पेय पदार्थ के उत्पादन में इनका बड़ा योगदान है। 

कर्नाटक के पश्चिमी घाट स्थित चिकमंगलुरु और हासन इलाके में देश का 70 फीसदी कहवा का उत्पादन होता है। 

गौड़ा ने कहा, "दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से सितंबर तक और बारिश हो सकती है, इसलिए हमें चिंता है कि फसलों को आगे और नुकसान हो सकता है।"

इस जिले की अर्थव्यवस्था कहवा, मिर्च और धान के उत्पादन पर आधारित है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान अरेबिका और रोबुस्ता वेरायटी के कुल 1.16 लाख टन कहवा का उत्पादन हुआ था।

कर्नाटक प्लांटर्स एसोसिएशन के सदस्य एन. बोस मंडन्ना ने कहा, "कहवा उत्पादकों को बाढ़ से फसल की बर्बादी होने से 675 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।" 

कॉफी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017-18 में 3.16 लाख टन कहवा का उत्पादन हुआ था, जिसमें कर्नाटक में अरेबिका और रोबुस्ता का उत्पादन 2.22 लाख टन था। 

देश के कुल कहवा उत्पादन में 96 फीसदी योगदान तीन राज्यों का है। कर्नाटक का हिसा 70 फीसदी, केरल का 20 फीसदी और तमिलनाडु का छह फीसदी है। 

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