खराब डीटीसी बस को टेम्पो ने मारी टक्कर, दो की मौत
उत्तरी दिल्ली के रोहिणी इलाके में बीती रात एक तेज रफ्तार टेम्पो ने डीटीसी की खराब हुई बस में टक्कर मार दी जिसमें दो बस ड्राइवर की मौत हो गई और छह अन्य कर्मचारी घायल हो गये;
नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली के रोहिणी इलाके में बीती रात एक तेज रफ्तार टेम्पो ने डीटीसी की खराब हुई बस में टक्कर मार दी जिसमें दो बस ड्राइवर की मौत हो गई और छह अन्य कर्मचारी घायल हो गये। रोहिणी डिपो-3 पर आज मृतक कर्मचारियों के परिजनों ने धरना प्रदर्शन किया और पूरे मामले में उचित इन्साफ और कार्रवाई की मांग की। मामला विधानसभा में भी उठा और सरकार ने कहा नीति के मुताबिक दिल्ली सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है। जबकि विपक्ष ने मृतकों के परिजनों को नौकरी व एक करोड़ रूपए मुआवजे की मांग रखी।
घटना बीती रात करीबन साढ़े बारह बजे की है जब सीमापुरी से सुल्तानपुरी जाने वाली 982 नम्बर की बस रोहिणी के पास मधुबन चौक अंडरपास के नीचे ब्रेकडाउन के बाद खड़ी थी। डीटीसी के वर्कशॉप से अशेाक लीलैंड के मैकेनिक बस की मरम्मत में लगे थे और दो ड्राइवर उनकी मदद में थे। तभी पीछे से आ रहे टेम्पो ने बस में जोरदार टक्कर मार दी जिसमें दो ड्राइवरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक मैकेनिक इस वक्त दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जि़न्दगी और मौत के बीच झूल रहा है। वहीं इस दुर्घटना में तीन अन्य कर्मचारी भी घायल हुए हैं, जिनकी स्थिति सामान्य है।
दुर्घटना में घायल कंडक्टर ने बताया कि बस खराब होने के बाद कई घंटे से खड़ी हुई थी। रानी बाग थाना पुलिस ने टेम्पो को अपने कब्जे में ले लिया है और मामले की जांच में जुट गई है।
मृतकों के नाम सुनील व प्रमोद हैं। टेम्पो के केबिन और बस के पिछले हिस्से को देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है की टक्कर कितनी ज़बरदस्त रही होगी।
मृतक ड्राइवरों में से एक लाड़पुर गांव निवासी था जबकि दूसरा नांगलोई का रहने वाला था। दोनों मृतकों की उम्र 35 वर्ष के आसपास की है। घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने आज विरोध प्रदर्शन भी किया और रोहिणी डिपो में ही धरने पर बैठ गये। परिजनों ने पूरे मामले में इन्साफ की मांग की है।
दुर्घटना और दो लोगों की मौत की खबर जैसे ही राजनीति के गलियारों में पहुंची और मामले में तुरंत राजनीति भी शुरू हो गई। मुंडका से आम आदमी पार्टी विधायक सुखबीर सिंह दलाल यहां पहुंचे तो वहीं नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता भी पहुंचे और कहा कि दिल्ली सरकार ने घटना के बारह घंटे बीतने के बाद भी घटना की सुध नहीं ली। परिजनों से मिलने पहुंचे परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मृतक कर्मचारियों के परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और एक सदस्य को स्थायी सरकारी नौकरी देंगे।
इस मामले को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने उठाया और मृतकों के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा व एक सदस्य को स्थायी नौकरी देने की मांग रखी। इस पर सत्तापक्ष के विधायक सुखबीर दलाल ने भी पक्ष रखा।
इस मामले में जब सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों में नोंकझोंक भी हुईं। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भरोसा दिलाया कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा सरकार ऐसे मामलों में संवेदनशील है और वह मुआवजा व नौकरी की नीति पर सहायत करेगी लेकिन इस राजनीति न कि जाए।