डॉ कफील अहमद ने भाजपा सांसद पर लगाया भाई पर जानलेवा हमला करवाने का आरोप

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पिछले साल बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में आॅक्सीजन की कमी के कारण बच्चों की मौत की वजह से सुर्खियों में आये डॉ कफील अहमद ने भाजपा के सांसद पर आरोप लगाया;

Update: 2018-06-17 17:40 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पिछले साल बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में आॅक्सीजन की कमी के कारण बच्चों की मौत की वजह से सुर्खियों में आये डॉ कफील अहमद ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कमलेश पासवान पर अपने भाई कासिफ जमील पर जानलेवा हमले करवाने का आरोप लगाया और परिजनों की जानमाल की सुरक्षा पर खतरा जताते हुये मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की। 

डॉ अहमद ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि पिछली 10 जून को गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के निकट उनके भाई कासिफ जमील पर स्कूटी सवार शूटरों ने गोलियां चलाकर घायल कर दिया था। चिकित्सक ने दावा किया कि इस हमले में बासगांव में भाजपा सांसद कमलेश पासवान और बिल्डर सतीश नंगलिया का हाथ है। इसके पीछे की वजह बताते हुये उन्होंने कहा कि श्री पासवान उनकी पुश्तैनी जमीन औने पौने दाम पर खरीदना चाहते है, इसके लिये पहले भी वह परिवार को धमका चुके है। 

इस सिलसिले में एक मामला न्यायालय में वर्ष 2015 से विचाराधीन है। पिछले साल सितम्बर में उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काे पत्र लिखकर सांसद से जानमाल का खतरा जताया था और सुरक्षा की मांग की थी। डाक्टर ने आरोप लगाया कि सांसद के प्रभाव में आकर पुलिस अधीक्षक (नगर) विनय कुमार सिंह और गोरखनाथ के क्षेत्राधिकारी प्रवीण सिंह ने हमले में घायल कासिफ जमील को अस्पताल पहुंचाने में जानबूझ कर चार घंटे का विलंब किया। अधिक रक्तश्राव होने के कारण उनके भाई की जान जा सकती थी।
उन्होंने कहा कि घटना के सात दिन बाद भी पुलिस ढिलमुल रवैया अपनाये हुये है।

सुरक्षा के नाम पर बिना हथियार के उन्हें एक सिपाही दिया गया है। चिकित्सक ने कहा कि सांसद के शूटर उनके परिवार पर निगाह रखे हुये है और उन पर कभी भी जानलेवा हमला किया जा सकता है।

पुलिस पर से उनका भरोसा उठ चुका है, इसलिये उनकी मांग है कि पुलिस अधीक्षक नगर और क्षेत्राधिकारी को निलंबित करने के साथ मामले की जांच सीबीआई अथवा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से करायी जाये ताकि षडयंत्र का पर्दाफाश हाे सके। 

चिकित्सक ने कहा कि वह इस मामले में जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल रामनाईक से मिल कर जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगायेंगे। 

 

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