डॉक्टरों को ग्रामीण भारत की सेवा करने पर विचार करना चाहिए:  उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि डॉक्टरों को ग्रामीण भारत की सेवा करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सीमित है;

Update: 2018-09-22 11:14 GMT

नई दिल्ली।  उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि डॉक्टरों को ग्रामीण भारत की सेवा करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सीमित है।

वेंकैया ने कहा, "सरकार की कई पहलों के बावजूद हम अपने गावों के लोगों, किसानों और उनके परिवारों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में असमर्थ रहे हैं, जो हमें भोजन प्रदान करते हैं। और यह संकट आंशिक रूप से हमारे डॉक्टरों की ग्रामीण केंद्रों में जाने और काम करने की अनिच्छा से पैदा हुआ है।"

उपराष्ट्रपति ने यहां विज्ञानभवन में 19वें राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) के दीक्षांत समारोह और अवार्ड समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "आपके लिए वह वक्त आ गया है कि इस स्थिति में बदलाव लाएं और सेवा से वंचित इन लोगों की सेवा करें।"

नायडू ने किफायती दर पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और मेडिसीन के क्षेत्र में उन्नति का लाभ हर नागरिक को सुनिश्चित करने का मार्ग तलाशने पर जोर दिया। 

उन्होंने आगे कहा, "ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं जिनमें अपनों के इलाज पर भारी खर्च से परिवार विपन्न हो गए हैं और भारी कर्ज तले दब गए हैं।"

उपराष्ट्रपति ने सरकार की 'आयुष्मान भारत' स्वास्थ्य बीमा योजना की तारीफ की जिसके तहत 10.74 करोड़ ग्रामीण परिवारों को हर साल प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपये की बीमा कवर की सुरक्षा प्रदान करने की उम्मीद है। 

दीक्षांत समारोह में नायडू के अलावा स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे और अनुप्रिया पटेल मौजूद थे। 

इस मौके पर राष्ट्रीय बोर्ड के 300 से अधिक डिप्लोमा धारकों और फेलो को एनबीई द्वारा स्वर्ण पदक के अवार्ड से सम्मानित किया गया। साथ ही, देशभर के 31 से अधिक डॉक्टरों को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। 
 

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