संसद द्वारा पारित बिल में उपराज्यपाल को दिए गए अधिकारों को न हड़पें मुख्यमंत्री

दिल्ली विधानसभा के सत्र को कई भागों में बुलाकर संसद द्वारा पारित बिल में उपराज्यपाल को दी गई शक्तियों के निहित अधिकारों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न हड़पें;

Update: 2017-07-15 00:40 GMT

नई दिल्ली। 'दिल्ली विधानसभा के सत्र को कई भागों में बुलाकर संसद द्वारा पारित बिल में उपराज्यपाल को दी गई शक्तियों के निहित अधिकारों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न हड़पें।’

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आठ अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए हमला करते हुए कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम, 1991 के अंतर्गत उन्हें विधानसभा का सत्र बुलाने और सत्रावसन के अधिकार उपराज्यपाल को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा का 8 अगस्त से प्रारम्भ होने वाला सत्र विधानसभा के पांचवे सत्र का पांचवा भाग इसका स्पष्ट उल्लंघन होगा।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा प्रतिपादित यह नई परम्परा उपराज्यपाल के प्रति उसके अनादर और अवमूल्यन का प्रतिबिम्ब है। यदि मुख्यमंत्री, कैबिनेट और विधानसभा अध्यक्ष के मन में उपराज्यपाल के प्रति लेश मात्र भी सम्मान होता तो वे उनके अधिकारों को हनन करते हुए उन्हें नहीं हड़पते।

उन्होंनेस्पष्ट किया कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम, 1991 के अनुछेद 6 के अनुसार उपराज्यपालए समय-समय पर, विधान सभा को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझें, अधिवेशन के लिए आहूत करेंगे, किन्तु उसके एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह मास का अन्तर नहीं होगा। उपराज्यपाल, समय-समय पर विधानसभा का सत्रावसान कर सकेंगे।

गुप्ता नेकहा कि श्री केजरीवाल मुख्यमंत्री, कैबिनेट, विधानसभा अध्यक्ष तथा उपराज्यपाल के बीच शक्तियों के संतुलन में विश्वास नहीं रखते। वे हमेशा उपराज्यपाल को हल्के में लेते आए हैं, इसीलिए उन्होंने शुरू से ही उपराज्यपाल को महत्व न देते हुए विघानसभा का सत्र बुलाने की सभी शक्तियां अपने पास रखीं। उन्होंने नियमों को तोड़-मरोड़कर एक सत्र को विभिन्न भागों में विभाजित कर दिया यह संविधान की भावना के विरूद्ध है जो कि विधानसभा के 23 साल के कार्यकाल में कभी भी किसी भी सत्र को विभिन्न भागों में बांटकर इतने लम्बे समय तक नहीं चलाया गयाा। आज तक विधानसभा के सत्र को अधिक से अधिक एक अतिरिक्त भाग के लिए विस्तार दिया गया है।

 

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