दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी नहीं...

प्रिंसिपल कर रहे हैं नॉन टीचिंग में नियुक्तियां, रोकने के लिए सरकार से आग्रह;

Update: 2018-02-14 01:36 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध दिल्ली सरकार के 28 कॉलेज है और इन कॉलेजों में पिछले एक साल से दिल्ली सरकार की गवर्निंग बॉडी नहीं है। कॉलेजों में प्रिंसिपल बिना गवर्निंग बॉडी के नॉन टीचिंग पदों पर ओबीसी पदों की आड़ में 31 मार्च 2018 तक भरे जाने हैं इसलिए स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कुछ कॉलेजों ने लिखित परीक्षा कर उन्हें भरना शुरू कर दिया है। इस पर जानकारों ने विरोध शुरू करते हुए कहा है कि यह नियमानुसार नहीं है इसलिए ये नियुक्तियां रोकी जाएं।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव को 30 अगस्त 2017 को 6 माह पूर्व पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली सरकार द्वारा पोषित 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी की नियुक्तियों में संतुलित प्रतिनिधित्व होना चाहिए। साथ ही दिल्ली सरकार के अपने कॉलेजों में जब तक पूर्ण गवर्निंग बॉडी नहीं बन जाती तब तक उन कॉलेजों में एडहॉक या परमानेंट अपॉइंटमेंट टीचिंग और नॉन टीचिंग किसी भी प्रकार की नियुक्ति न की जाएं।

दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडेमिक काउंसिल के सदस्य प्रो हंसराज सुमन व डूटा के सचिव डॉ. विवेक चौधरी ने बताया है कि कॉलेजों को नॉन टीचिंग में ओबीसी के पदों को भरने के लिए यूजीसी व कॉलेजों ने 31मार्च 2018 तक भरने के निर्देश दिए हुए हैं।कॉलेजों ने पिछले 10माह तक इन पदों को भरने के लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने मीडिया में दिया और खबर छपी, खबर का असर यह पड़ा कि कॉलेजों ने इन पदों को भरना शुरू कर दिया। इस कड़ी में आज सेअरबिंदो कॉलेज सांध्य ने ओबीसी पदों की आड़ में सामान्य वर्गो के पदों को भरना शुरू कर दिया है। जबकि ये पद पिछले एक दशक से कॉलेज ने नहीं भरे।

डॉ. चौधरी ने बताया है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली विश्वविद्यालय की आपसी लड़ाई के बीच एडहॉक टीचर्स और कर्मचारियों का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में अक्टूबर 2016 से गवर्निंग बॉडी नहीं है। सरकार के एक दर्जन से अधिक कॉलेजों में पिछले कई वर्षों से प्रिंसिपलों के पद खाली पड़े हुए हैं जिसके कारण एडहॉक टीचर्स का परमानेंट अपॉइंटमेंट और प्रमोशन नहीं हो रहे हैं। उन्होंने बताया है कि दिल्ली सरकार द्वारा डीयू को भेजे गए पत्र में कहा है कि 28 कॉलेजों में एडहॉक या परमानेंट कोई भी नियुक्तियां जब तक ना की जाए तब तक कि दिल्ली विश्वविद्यालय इन सूचियों को जारी नहीं कर देता। अब दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा निदेशक व शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में मांग की है कि वे दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले 28 वित्त पोषित कॉलेजों के प्रिंसिपलों को पत्र लिखकर कहा जाए कि जब तक उन कॉलेजों में दिल्ली सरकार की पूर्ण गवर्निंग बॉडी नहीं बन जाती तब तक 28 कॉलेजों में टीचिंग व नॉन टीचिंग किसी प्रकार की नियुक्तियां ना की जाएं ।

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