डीकेएस एशिया का सबसे बड़ा मेडिकल सेटअप बनेगा : डॉ. पुनीत

छत्तीसगढ़ का डीकेएस यानी 'दाऊ कल्याण सिंह अस्पताल' एशिया का सबसे बड़ा मेडिकल सेटअप वाला सरकारी अस्पताल होगा;

Update: 2018-01-08 22:56 GMT

रायपुर (वीएनएस)। छत्तीसगढ़ का डीकेएस यानी 'दाऊ कल्याण सिंह अस्पताल' एशिया का सबसे बड़ा मेडिकल सेटअप वाला सरकारी अस्पताल होगा। यहां पर मरीजों को निजी अस्पतालों से ज्यादा बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। ये बातें सोमवार को रायपुर प्रेस क्लब में डीकेएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता ने कही।

डॉ. पुनीत गुप्ता ने कहा कि डीकेएस अस्पताल को डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का नाम भी दिया जा रहा है। इसका शुभारंभ लगभग मार्च, 2018 के अंतिम सप्ताह तक करने की संभावना है। यहां पर एशिया की सबसे बड़ी सीआरटी मशीन लगाई जाएगी, जो लगातार 12 से 14 घंटे तक डायलिसिस कर सके।

उन्होंने कहा कि डीकेएस अस्पताल में लीवर डायलिसिस, पेट्रीयाडिक, न्यूरोसर्जरी और कैजुअल्टी पर विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। यहां निमोटिक बेस मशीन भी लगाई जाएगी, जो अस्पताल के वेस्टेज को अथवा फाइलों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने का कार्य करेंगे। 

गुप्ता ने जानकारी दी कि यहां पर मरीजों की सुविधाओं के साथ-साथ उनके परिजनों के लिए भी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यदि कोई मरीज आईसीयू में भर्ती हो तो, उनके परिजनों के मनोरंजन के लिए टीवी, बच्चों के लिए किड्स जोन और बुजुर्गों के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था भी की जा रही है। यहां पर फूड जोन भी बनाया जा रहा है, जो चौबीस घंटे सेवा देगा। वाडरें की मौनीटरिंग के लिए मॉनीटर लगवाए जा रहे हैं, जो वाडरें में मरीजों व कर्मचारियों की मॉनीटरिंग करेगा।

डीकेएस अस्पताल के लिए रविवार को 9 कैमरा युक्त एम्बुलेंस का शुभारंभ किया गया है, जिसमें गंभीर मरीजों को अस्पताल से सीधे मॉनीटरिंग कर आपात चिकित्सा अस्पताल पहुंचने तक दी जा सके। 

डीकेएस अस्पताल के लिए करीब 2000 स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी, जिसमें सभी विभागों में चार-चार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति होगी। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को भर्ती के वक्त परेशान नहीं होना पड़ेगा। जल्द से जल्द और बगैर कतार में खड़े हुए उन्हें सब कुछ बैठे-बैठे एक ही स्थान पर सभी दस्तावेज मुहैय्या कराए जाएंगे। इसके लिए अलग से कंसल्टेंटिंग स्टाफ की भर्ती की जाएगी।

डॉ. गुप्ता ने कहा कि, इस पूरे इंस्फ्रास्ट्रक्च र में लगभग 80-90 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसमें 45-50 करोड़ रुपये बैंक से लोन लिया गया है, तो वहीं बाकी रकम सरकार ने उपलब्ध कराई है। अस्पताल की सारी सुविधाएं ऑनलाइन भी होंगी। यहां पर मरीज आने से पहले अपना पंजीयन करा सकेंगे। इससे उन्हें कम समय में ही उपचार मिलेगा।

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