महिला व्याख्याता का तबादला निरस्तीकरण आदेश खारिज

व्याख्याता पंचायत की याचिका पर हाईकोर्ट ने जिला पंचायत दुर्ग के स्थानांतरण निरस्तीकरण आदेश को सेवा नियम के आधार पर खारिज कर दिया।;

Update: 2017-03-30 17:00 GMT

बिलासपुर।  व्याख्याता पंचायत की याचिका पर हाईकोर्ट ने जिला पंचायत दुर्ग के स्थानांतरण निरस्तीकरण आदेश को सेवा नियम के आधार पर खारिज कर दिया।शासकीय हाईस्कूल हसदा, तहसील मगरलोड, जिला धमतरी में व्याख्याता (पंचायत)  के पद पर सुमन पाण्डेय की नियुक्ति हुई थी। शासन के मार्च 2016 में स्थानांतरण नीति के आधार पर जिला धमतरी से दुर्ग जिले में स्थानांतरण के लिए सुमन पाण्डेय द्वारा आवेदन किया गया था।

सुमन पाण्डेय का स्थानांतरण दुर्ग जिले में कर दिया गया किन्तु संबंधित शाला में यह कहते हुए कार्यभार ग्रहण करने नहीं दिया गया कि संबंधित कार्यालय से प्रदान किए गए सहमति पत्र को 28 जून 2016 निरस्त कर दिया गया है क्योंकि सुमन पाण्डेय के पति आशीष पाण्डेय के कार्यरत संस्था का नाम शासकीय आयुर्वेद औषधालय हडगहन, जिला दुर्ग अंकित कर पात्रता की श्रेणी में लाया गया है और इसी के आधार पर सुमन पाण्डेय का स्थानांतरण जिला दुर्ग किया गया, जबकि प्रतिवादी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दुर्ग में यह कहते हुए स्थानांतरण आदेश निरस्त कर दिया कि उनके पति की पदस्थापना शासकीय आयुर्वेद औषधालय हडगहन जिला बालोद में इसलिए स्थानांतरित जिले में उन्हें कार्यभार नहीं सौंपा जा सकता।

इससे सुमन पाण्डेय द्वारा अधिवकता मतीन सिद्दीकी एवं संदीप सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष सेवा-याचिका दायर की। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्थानांतरण नीति 2 मार्च 2016 में यह स्पष्ट निर्देशित है कि पति या पत्नी में से एक यदि शिक्षक पंचायत संवर्ग का कर्मचारी है, तो उसे स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण की पात्रता होगी और यह भी कि स्थानांतरण के मामले में संबंधित जिला पंचायतों की परस्पर सहमति आवश्यक होगी।  हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की सेवा-पुस्तिका को स्वीकार करते हुए स्थानांतरण निरस्तीकरण आदेश को रद्द किया और अपने अंतिम आदेश के माध्यम से प्रतिवादीगण को यह स्वतंत्रता दी है कि यदि वे चाहे तो नये आदेश जारी कर सकेंगे।

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