उप्र : सीएचआरआई ने मुठभेड़ में मौतों पर चिंता जताई
कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव (सीआरआरआई) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में नियमित तौर पर कथित अपराधियों की मुठभेड़ में हो रही मौतों पर चिंता जताई है;
नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव (सीआरआरआई) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में नियमित तौर पर कथित अपराधियों की मुठभेड़ में हो रही मौतों पर चिंता जताई है।
संगठन ने कहा है कि राज्य पुलिस का कर्तव्य है कि वह इस बात की गांरटी दे कि सभी गिरफ्तार व्यक्तियों के संवैधानिक अधिकार और कानूनी हिफाजत सुनिश्चित हैं।
सीएचआरआई ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने इस साल मार्च और सितंबर के बीच राज्य के आठ क्षेत्रों में अपराधियों के खिलाफ 420 मुठभेड़ का आंकड़ा जारी किया है।
बयान में कहा गया है कि इसमें लगभग 15 लोग मारे गए हैं, 481 गिरफ्तार किए गए, और 88 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जो कि एक असामान्य आंकड़ा है।
बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार को सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए सभी 15 मौतों की जांच करानी चाहिए।
बयान में कहा गया है, "यहां तक कि गिरफ्तारी के बारे में कुछ जानकारियां उपलब्ध होती हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस यह गारंटी देने के लिए बाध्य है कि सभी गिरफ्तार लोगों के संवैधानिक अधिकारों और कानूनी हिफाजत को हर स्तर पर कायम रखा जाए। यह अदालत तय करेगी कि वे निर्दोष हैं या दोषी।"
बयान में कहा गया है कि पुलिस ने बताया है कि प्रत्येक मुठभेड़ के बाद विभागीय और दंडाधिकारी जांच शुरू गई।
सीआरआरआई ने कहा कि पीयूसीएल बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी मुठभेड़ में हुई मौत की स्वतंत्र रूप से जांच कराई जाए और मुठभेड़ के लिए किसी भी पुलिसकर्मी को कोई नकद पुरस्कार या वीरता पुरस्कार या लाभ नहीं दिए जाएं।
सीआरआरआई एक स्वतंत्र, अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो राष्ट्रमंडल देशों में मानवाधिकारों की रक्षा और प्रसार के लिए काम करता है।