महिला कांग्रेस के सम्मेलन में दिखी गुटबाजी

स्थानीय पॉलीटेक्निक ऑडिटोरियम में आयोजित महिला सम्मेलन खासी चर्चाओं के बाद दोपहर को समाप्त हुआ;

Update: 2017-09-18 13:35 GMT

रायगढ़। स्थानीय पॉलीटेक्निक ऑडिटोरियम में आयोजित महिला सम्मेलन खासी चर्चाओं के बाद दोपहर को समाप्त हुआ। इस सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के साथ-साथ प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष व खरसिया विधायक उमेश पटेल तथा प्रदेश प्रवक्ता शैलेष नितीन द्विवेदी और अन्य वरिष्ठ कांगे्रस नेताओं की उपस्थिति महत्वपूर्ण थी।

यह सम्मेलन देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की जनशताब्दी वर्ष के रूप में मनाया गया। इस दौरान महिला सम्मेलन गुटबाजी को संकेत देता नजर आया। प्रारंभ से ही इस आयोजन में जिले के विधायकों ने दूरी बनाई रखी थी। वहीं गुटबाजी से जुड़े कई नेता भी गायब रहे इतना ही नहीं इस महिला सम्मेलन के बहाने सारंगढ़ राज परिवार से जुड़ी कुलिशा मिश्रा को भी राजनीति में प्रोजेक्ट करने की चर्चा साफ तौर पर नजर आयी।

चूंकि जिले में पहली बार किसी युवा कांग्रेसी महिला का बैनर पोस्टर के अलावा मंच पर भी उपस्थिति देखी गई। इतना ही नहीं प्रदेश स्तर पर भी इस मामले में सारंगढ़ राज परिवार को आगे लाने के लिए पहले से ही जिले के नेताओं को बता दिया था और इसी के चलते पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की जनशताब्दी वर्ष के बहाने कुलिशा मिश्रा को आगे किया गया और  जिला कांगे्रस कमेटी से जुड़े लोग सामने तो जरूर आए पर उनके साथ दूसरे गुट के लोग भी कुलिशा को सड़क से लेकर मंच तक आगे लाने के लिए अपनी रणनीति को सफल बनाते हुए ही दिखाई दिए। 

पॉलीटेक्निक ऑडिटोरियम में आयोजित महिला सम्मेलन छत्तीसगढ़ में तीसरा सम्मेलन था और इस सम्मेलन में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को बुलाकर महिला सशक्तिकरण के अलावा आने वाले चुनाव में सक्रियता दिखाने के लिए भी पहल की गई। साथ ही साथ पॉलीटेक्निक ऑडिटोरियम में आयी संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर भी बताने की जोड़-तोड़ शुरू हो गई। इस दौरान यहां पहुंची अधिकांश महिलाओं को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। कहने को तो इस महिला सम्मेलन से कांगे्रसियों को दूर रखा गया था और सम्मेलन के दौरान सभी कांगे्रस नेता बाहर बैठकर इस पर नजर रख रहे थे और वहीं पत्रकारों से भी दूरी बनाने के लिए भी एक गुट सफल रहा।

चूंकि बड़े आयोजन की सूचना अखबारों के माध्यम से स्थानीय पत्रकारों को मिली थी और बड़े नेताओं की उपस्थिति की जानकारी जिले के पत्रकारों को नहीं दी गई थी। बहरहाल लंबे समय बाद आयोजित महिला सम्मेलन के बहाने कांगेस की नई गुटबाजी और कुलिशा मिश्रा को प्रोजेक्ट करने संबंधी चर्चा के बीच संपन्न होते देखा गया। कार्यक्रम के दौरान भी पूरे समय तक अव्यवस्था देखने को मिली। जहां मंच पर काफी लोगों के जमा हो जाने के कारण स्वागत कार्यक्रम तक में व्यवधान होता नजर आया। कांग्रेस के कथित रूप से गरिमामय कार्यक्रम के बावजूद यहां मीडिया के बैठने के लिए व्यवस्था तक नही की गई थी।

अव्यवस्था के कारण स्वागत करने वाले और स्वागत होनें वाले नेता तक दिग्भ्रमित रहे वहीं बीच-बीच में माईक पर भी तरह-तरह की आवाजें पीछे से सुनाई देती रही। हो गया- हो गया की माईक से पीछे की आवाज पूरे कार्यक्रम के दौरान चर्चा का विषय बनी रही। इस दौरान जहां कांगे्रस के वरिष्ठ नेत्री करूणा शुक्ला ने स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी को नारी शक्ति और दुर्गा का रूप बताकर महिला कांगे्रसियों को उनके बताए मार्गो पर चलने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि हर भारतवासी और खासकर कांगे्रसियों को भारत भूमि, इस छत्तीसगढ़ की भूमि तथा कांग्रेस की सदस्य होनें पर गर्भ होना चाहिए। उन्होंने 60 साल के कांग्रेस शासनकाल की सत्ताधारी दल द्वारा लगातार आलोचना करने पर कहा कि अब कांगे्रसियों को भी सार्वजनिक जगहों पर सुनने के अलावा बोलना सीखना चाहिए।

महिलाएं अपनी शक्ति पहचानें और आने वाले समय में सही दल को सत्ता सौंपने की पहल करें। सम्मेलन को खरसिया विधायक उमेश पटेल , कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ पत्रकार कनक तिवारी, उर्मिला सिंह, सुरज हेगडे, फूला देवी नेताम तथा राज्यसभा सांसद छायावर्मा सहित नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने भी संबोधित करते हुए महिला शक्ति को जागृत होकर काम करने का आव्हान किया। 

बोनस के नाम पर किसानों को लुभा रही रमन सरकार-सिंहदेव

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने इस महिला सम्मेलन को चुनाव से नहीं जोड़ने की बात कही। साथ ही साथ उनका कहना था कि पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को याद करके इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हंै। बातचीत के दौरान उन्होंने प्रदेश में भाजपा के मिशन 65 का जवाब देते हुए कहा कि कांगे्रस का लक्ष्य 70 है। साथ ही साथ भाजपा नई रणनीति के बहाने मिशन 65 का प्रचार इसलिए कर रही है चूंकि वो एक माहौल के जरिए कांग्रेस पर दबाव बनाकर इसमें सफल होने का प्रयास कर रही है, पर चुनाव के परिणाम बताएंगे कि प्रदेश की जनता रमन सरकार से कितनी परेशान है। उन्होंने हाल ही में किसानों के लिए घोषित बोनस के मामले में भी रमन सरकार को घेरा।

टीएस सिंहदेव का कहना था कि एक तरफ बोनस के नाम पर किसानों को लालच दिया जा रहा है। वहीं प्रदेश के कई जिलों में सूखे के भी चर्चा है तो ऐसे में जिन किसानों का आनाज ही समर्थन मूल्य में नहीं लिया जाएगा तो बोनस कैसे किसानों को मिलेगा। उन्होंने इसे चुनावी स्टंट बताते हुए कहा कि किसान भाजपा की इस दोहरी नीति को समझ चुके हैं और ऐन चुनाव के समय रमन सिंह को इसका जवाब मिल जाएगा। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पुनिया द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने की बात का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी पार्टी चुनाव के बाद ही जीते हुए विधायकों से मंत्रणा करके अपने नेता चुनती है और चुनाव से पहले सीएम प्रोजेक्ट करना कांग्रेस की नीति नहीं रही है।

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