टम्टा की एससी/एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण की मांग

श्री टम्टा ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबाआई)से कराने की भी मांग की है।;

Update: 2020-01-12 16:02 GMT

हल्द्वानी । कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने रविवार कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार को पदोन्नति में आरक्षण के मामले में उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए राज्य की सेवाओं में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी/एसटी) के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने की व्यवस्था को तत्काल लागू करना चाहिए।श्री टम्टा ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबाआई)से कराने की भी मांग की है।

राज्यसभा सांसद ने आज यूनीवार्ता से बातचीत में राज्य सरकार को दलित विरोधी करार देते हुए कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि राज्य सरकार ने शासकीय सेवाओं में नियोजित अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण नहीं देने की मंशा जाहिर करते हुए उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की है।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार देश में दलित विरोधी सरकार होने का यह इकलौता उदाहरण देखने को मिलता है। उन्होंने दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए कहा कि यह मामला महज कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत का नहीं लगता है बल्कि इसके पीछे एक बड़ा संगठित तंत्र है और यह तंत्र बिना किसी राजनीतिक संलिप्तता के क्रियाशील नहीं हो सकता है।

श्री टम्टा ने कहा कि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए जिससे कि समाज के वंचित वर्गों को उनका हक मिल सके और दोषी लोग बेनकाब हो सकें।
 

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