दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस का काम किसानों ने रोक कर किया विरोध

मोदीनगर के डासना एनएच-24 से भोजपुर होते हुए मेरठ तक बनने वाले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहीत होने वाली भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है;

Update: 2018-04-02 15:35 GMT

गाजियाबाद। मोदीनगर के डासना एनएच-24 से भोजपुर होते हुए मेरठ तक बनने वाले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहीत होने वाली भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।

गांव भड़जन में एनएचएआई के ठेकेदारों को किसानों ने काम करने से रोक दिया। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी जमीन का मुआवजा तय नहीं हो जाता ओर तब तक किसान कार्य नहीं होने देगा। किसानों ने सर्किल रेट को लेकर जिलाधिकारी के यहां लंबित 400 से अधिक मुकदमों के निस्तारण में हो रही देरी पर भी गहरी नाराजगी जाहिर की है।

रविवार को इस मुद्दे को लेकर भोजपुर में आठ अप्रैल को 11 गांवों के किसानों की पंचायत बुलाई गई है। जिस पर किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष मनवीर त्यागी के नेतृत्व में किसानों ने पुरजोर विरोध किया और काम रुकवा दिया। मनवीर त्यागी का कहना है कि वर्ष 2011 में इस योजना का प्रारूप तैयार हुआ था।

वर्ष 2013 में भूमि मुआवजे को लेकर सरकार ने रेट निर्धारित किये। फिर सर्किल रेट को लेकर विवाद गहराया। वर्ष 2015 में दोबारा किसानों की भूमि के मुआवजे की धनराशि तय की गई।

उस दौरान डीएमई के सीमाकंन की सीमा जो निर्धारित की गयी थी उसके मुताबिक अब निर्माण को लेकर एनएचएआई किसानों की अधिक भूमि पर अपना हक जता रहा है। जिसे लेकर किसानों में आक्रोश है, कारण भूमि मुआवजे की दर वर्तमान दर के हिसाब से नहीं दी जा रही है। इसलिए हम दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस बनने नही देंगे।

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