भारी बारिश से जलभराव के कारण दिल्ली वालों की खतरे में जान : कांग्रेस

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा सरकारों की विफलताओं का खामियाजा दिल्ली के नागरिकों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है;

Update: 2024-08-11 23:15 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा सरकारों की विफलताओं का खामियाजा दिल्ली के नागरिकों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है। भारी बारिश से हुए जलभराव के कारण दिल्लीवासियों की जान खतरे में है।

उन्होंने आरोप लगाया कि हर वर्ष दिल्ली में भारी बारिश से होने वाले जल भराव से, नाले-नालियां, गड्ढे भरने, ट्रैफिक जाम, टूटी सड़कें, इमारतें गिरने से लोगों की जान जा रही हैं। लेकिन, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने बदहाल हालात को सुधारने के लिए कुछ नहीं किया। मानसून से पहले उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा था, जिसके माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह साफ हो।

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल को बारापुला का निरीक्षण करने के लिए एनजीटी के ऑर्डर का इंतजार क्यों करना पड़ा, जबकि दिल्ली के आधे से अधिक नाले ठप पड़े है, हमने पहले ही यह बता दिया था। उपराज्यपाल के बारापुला निरीक्षण में साफ हो गया कि बारापुला की 12 खाड़ियों में से सिर्फ 5 चालू हैं और कुशक नाले की 7 में से 4 खाड़ियां चालू है।

देवेंद्र यादव ने उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार, डीडीए, दिल्ली नगर निगम से पूछा कि वर्षों से ठप पड़े ड्रेनेज सिस्टम के लिए दोषी कौन है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि भ्रष्टाचार के आरोपी मनीष सिसोदिया को 17 महीने बाद मिली बेल के बाद एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी जश्न मना रही थी, वहीं, मॉडल टाउन में हादसे में एक गरीब व्यक्ति की मृत्यु हुई। अमन विहार में गड्ढे में डूबने से 10 साल के बच्चे की मौत हुई, दो दिन पहले किराड़ी में डूबकर 2 बच्चों की मौत, जहांगीर पुरी में पिछले हफ्ते तीन लोगों की मौत और राजेन्द्र नगर में छात्रों की मौत पर दिल्ली सदमे में है।

उन्होंने कहा कि हो सकता है कि हादसों में जान गंवाने वाले दिल्ली के वोटर न हो, परंतु वह इंसान तो हैं। केंद्र में भाजपा सरकार है, दिल्ली और निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार है, परंतु राजधानी में बढ़ती घटनाओं, दुर्घटनाओं और हादसों से पहले कोई सर्तकता नहीं बरती जा रही है। घटनाओं के बाद एक-दूसरे पर दोष मढ़ने का काम बखूबी निभाया जा रहा है।

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