सत्ताधारी दल संवैधानिक संस्थाओं और चुनाव आयोग का दुरुपयोग कर रही : के सी वेणुगोपाल

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने बुधवार को लोक सभा में कहा कि सत्तारूढ़ दल संवैधानिक संस्थाओं और चुनाव आयोग का दुरुपयोग कर रही है लेकिन उनकी पार्टी 'वोट चोरी' के विरुद्ध लड़ती रहेगी और जनता के सहयोग से लोकतंत्र पर कोई आंच नहीं आने देगी;

Update: 2025-12-10 09:45 GMT

कांग्रेस लोकतंत्र पर आंच नहीं आने देगी: वेणुगोपाल

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने बुधवार को लोक सभा में कहा कि सत्तारूढ़ दल संवैधानिक संस्थाओं और चुनाव आयोग का दुरुपयोग कर रही है लेकिन उनकी पार्टी 'वोट चोरी' के विरुद्ध लड़ती रहेगी और जनता के सहयोग से लोकतंत्र पर कोई आंच नहीं आने देगी।

वेणुगोपाल ने चुनाव सुधारों पर मंगलवार को अधूरी रह गयी चर्चा की बुधवार को शुरुआत करते हुए कहा कि लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए तरह-तरह के तरीके निकाले जा रहे हैं, लेकिन वह पूरे विश्वास के साथ कह रहे हैं कि लोकतंत्र पर आंच नहीं आने दी जायेगी। लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनता उठ खड़ी होगी और क्रांति लायेगी।

उन्होंने कहा कि आज निष्पक्ष चुनाव का विचार बदल दिया गया है। चुनाव के समय प्रवर्तन निदेशालय, केन्द्रीय जांच ब्यूरो, आयकर विभाग सक्रिय हो जाते हैं और विपक्षी दलों के नेताओं और उनके दलों को निशाना बनाया जाता है। पिछले लोकसभा चुनावों के ऐन पहले कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज कर दिये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आयकर विवरणी दाखिल करने में मात्र कुछ दिनों की देरी के लिए कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल के खाते फ्रीज कर दिये गये। यह सारे क्रियाकलाप लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं है।

वेणुगोपाल ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने देने संबंधी कानून क्यों लाया गया चुनाव आयुक्तों को इतनी सुरक्षा दिये जाने के पीछे क्या मंशा है? यह संदेह उत्पन्न करता है। आज जनता के मन में चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर शंकायें उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के खिलाफ जितनी याचिकायें हाल के दिनों में न्यायालयों में दाखिल की गयी हैं, उतने मामले पहले कभी नहीं देखे गये।

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल और चुनाव आयुक्त मिलकर लोकतंत्र को समाप्त करना चाहते हैं। सत्तारूढ़ दल चुनाव आयोग को यह अपराध क्यों करने दे रहा है। सत्तारूढ़ दल लोक तंत्र की हत्या कर रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रधानमंत्री और गृह मंत्री मिलकर करते हैं, वह जानना चाहते हैं कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित समिति से उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को क्यों हटाया गया?

कांग्रेस नेता ने कहा कि मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया इतनी जल्दबाजी में क्यों पूरी करायी जा रही है। पहले भी मतदाता सूची में संशोधन और सुधार हुए हैं, जिसके लिए संबंधित कर्मियों को छह-छह महीने का समय दिया गया था, लेकिन अब मात्र दो महीने में एसआईआर प्रक्रिया पूरी करने पर जोर दिया जा रहा है। बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) पर इतना दबाव बनाया जा रहा है कि वे आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। इसी दबाव के कारण बड़ी संख्या में बीएलओ ने खुदकुशी कर ली है।

उन्होंने मशीन से पढ़ी जाने वाली मतदाता सूची उपलब्ध कराने, मतदान की सीसीटीवी वीडियो 45 दिनों में ही नष्ट न करने और एसआईआर प्रक्रिया पूरी करने के लिए पर्याप्त समय दिये जाने की मांग की।

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