वीबी-जी राम जी बिल पर कांग्रेस का देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन आज

केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वीबी-जी रैम-जी बिल (विकसित भारत - रोजगार और आजीविका मिशन ग्रामीण के लिए गारंटी) ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है;

By :  Deshbandhu
Update: 2025-12-17 03:10 GMT

मनरेगा का नाम बदलने पर सियासी टकराव तेज

  • कांग्रेस बोली - मजदूरों के अधिकार और गांधीजी की विरासत पर हमला
  • सरकार का दावा - ग्रामीण विकास को नई दिशा देगा नया बिल
  • संसद से सड़कों तक गरमाई सियासत, आंदोलन का ऐलान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वीबी-जी रैम-जी बिल (विकसित भारत - रोजगार और आजीविका मिशन ग्रामीण के लिए गारंटी) ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। इस बिल के तहत मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) का नाम बदलने का प्रस्ताव है, जिस पर कांग्रेस ने तीखी आपत्ति जताई है। कांग्रेस इसे महात्मा गांधी के आदर्शों और गरीबों के अधिकारों पर हमला बता रही है। कांग्रेस 17 दिसंबर यानी आज देशव्यापी प्रदर्शन और 28 दिसंबर को बापू की तस्वीरों के साथ कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

मजदूरों के अधिकार और गांधीजी की विरासत पर हमला

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने पत्र में कहा कि यह बदलाव केवल नाम का नहीं है, बल्कि यह मजदूरों के अधिकार, संघीय ढांचे और गांधीजी की विरासत पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह 'भाजपा-आरएसएस की सोची-समझी साजिश' है, जिसका मकसद अधिकार आधारित कल्याण योजनाओं को खत्म कर उन्हें केंद्र के नियंत्रण वाली 'चैरिटी' में बदलना है।

कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन का ऐलान

कांग्रेस ने आज 17 दिसंबर को देशभर में जिला मुख्यालयों पर विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया है। पार्टी कार्यकर्ता गांधीजी की तस्वीरों और नारों के साथ सड़कों पर उतरेंगे। कांग्रेस का कहना है कि यह आंदोलन ग्रामीण मजदूरों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा के लिए है।

केंद्र सरकार का तर्क : ग्रामीण विकास की नई दिशा

केंद्र सरकार का कहना है कि नया बिल ग्रामीण भारत की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखकर लाया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय का दावा है कि वीबी-जी राम जी बिल रोजगार और आजीविका मिशन को अधिक प्रभावी बनाएगा। सरकार का तर्क है कि यह कदम ग्रामीण विकास को नई दिशा देगा।

मनरेगा का नाम बदलने वाले इस बिल ने संसद से लेकर सड़कों तक राजनीतिक टकराव पैदा कर दिया है। कांग्रेस इसे गांधीजी की विरासत पर हमला बता रही है। सरकार इसे ग्रामीण विकास की नई पहल मान रही है। आज होने वाले विरोध-प्रदर्शन से इस मुद्दे पर सियासत और गरमाने की संभावना है।

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