श्रीराम मंदिर निर्माण समिति का बड़ा ऐलान, सुप्रीम कोर्ट से वापस मांगेगा राम मंदिर के सबूत
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र चिट्ठी लिख कर उच्चतम न्यायालय से राममंदिर मुकदमे के ऐतिहासिक सबूत के दस्तावेज को वापस मांगेगा। इन्हीं सबूतों के आधार पर अदालत ने राममंदिर के पक्ष से निर्णय किया था;
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र उच्चतम न्यायालय से वापस मांगेगा राममंदिर के दस्तावेज
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र चिट्ठी लिख कर उच्चतम न्यायालय से राममंदिर मुकदमे के ऐतिहासिक सबूत के दस्तावेज को वापस मांगेगा। इन्हीं सबूतों के आधार पर अदालत ने राममंदिर के पक्ष से निर्णय किया था।
इसका संकेत श्रीराम मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दिया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट उच्चतम न्यायालय से ऐतिहासिक सबूत और दस्तावेज़ वापस मांगेगा। इन्हीं सबूतों के आधार पर उच्चतम न्यायालय ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था। राममंदिर मुकदमे में प्रस्तुत किए अधिकांश साक्ष्य पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिले थे। सभी साक्ष्य उच्चतम न्यायालय के पास आज भी सुरक्षित हैं।
राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट उच्चतम न्यायालय को औपचारिक पत्र लिखकर दस्तावेज़ सौंपने का अनुरोध करेगा। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अब इस फैसले को चुनौती देने वाला कोई नहीं है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में बन रहे संग्रहालय में सभी सबूतों को संरक्षित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर परिसर में रामायण काल से जुड़े प्रसंगों की विशेष गैलरियां भी बनाई जा रही हैं। गैलरी निर्माण और प्रस्तुति के लिए आईआईटी चेन्नई के साथ करार किया जा रहा है। मार्च 2026 तक गैलरियों के निर्माण कार्य पूर्ण होने की संभावना है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में स्थित हनुमान जी की मूर्ति को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि देश-विदेश के प्राचीन रामायण ग्रंथों का संग्रह भी मंदिर परिसर में किया जाएगा। बाल्मीकि रामायण की प्राचीन प्रति गर्भगृह में रखने के लिए वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय से संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राममंदिर में रामलला का दर्शन पूजन के लिए जो श्रद्धालु आयेगे शीघ्र ही वह परिसर के अन्य मंदिरों में दर्शन पूजन कर सकेंगे।