भारत पाकिस्तान या बांग्लादेश नहीं, जहां इस्लामिक कानून चलता हो : गिरिराज सिंह

मौलाना अरशद मदनी के 'वंदे मातरम' पर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तीखा पलटवार किया और कहा कि मदनी हों या गजनी, यह पाकिस्तान नहीं, बांग्लादेश नहीं, जहां इस्लामिक कानून चलता हो। यह भारत है;

Update: 2025-12-09 16:39 GMT

नई दिल्ली। मौलाना अरशद मदनी के 'वंदे मातरम' पर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तीखा पलटवार किया और कहा कि मदनी हों या गजनी, यह पाकिस्तान नहीं, बांग्लादेश नहीं, जहां इस्लामिक कानून चलता हो। यह भारत है।

गिरिराज सिंह ने मौलाना अरशद मदनी पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत में सभी को संविधान से ही चलना होगा, वह चाहे गजनी हो या मदनी। जो नहीं मानेगा, उसके लिए कानून अपना काम करेगा।

उन्होंने कहा कि वंदे मातरम से सिर्फ उसी को ऐतराज होगा, जो भारत के संविधान को नहीं मानता हो। कानून किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं बनता, कानून देश के लिए बनता है।

सोनिया गांधी को भारत की नागरिकता मिलने से पहले मतदाता बनने के सवाल पर गिरिराज सिंह ने कहा कि यह जांच का विषय है। इतने बड़े परिवार के लोग दोहरी नागरिकता रखें, यह जांच का विषय है।

मौलाना अरशद मदनी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर कहा था कि हमें किसी के “वंदे मातरम” पढ़ने या गाने पर आपत्ति नहीं है, लेकिन मुसलमान केवल एक अल्लाह की इबादत करता है और अपनी इबादत में अल्लाह के सिवा किसी दूसरे को शामिल नहीं कर सकता।

उन्होंने आगे लिखा कि वंदे मातरम के चार छंदों में देश को देवता मानकर दुर्गा माता से तुलना की गई है। यह किसी भी मुसलमान की धार्मिक आस्था के खिलाफ है। इसलिए किसी को उसकी आस्था के खिलाफ कोई नारा या गीत गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। मुसलमानों की देशभक्ति के लिए किसी के प्रमाण-पत्र की आवश्यकता नहीं है। हमें मर जाना स्वीकार है, लेकिन शिर्क (खुदा के साथ किसी को शामिल करना) कभी स्वीकार नहीं।

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