प्रदूषण पर सवाल करें तो हम हिंदू विरोधी, कमियां सिर्फ इंडिया गठबंधन में क्यों आती हैं नजर : उदित राज
कांग्रेस नेता उदित राज ने दावा किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक गठबंधन मजबूत है और हमारे गठबंधन में किसी तरह से कोई कमी नहीं है;
उदित राज का तीखा सवाल- प्रदूषण पर बोलें तो हिंदू विरोधी क्यों कहे जाते हैं?
- ‘इंडिया गठबंधन में ही क्यों दिखती हैं कमियां?’- उदित राज ने मीडिया पर उठाए सवाल
- बेरोजगारी, प्रदूषण और IPS खुदकुशी पर उदित राज का हमला- सरकार से मांगा जवाब
- दीपावली के प्रदूषण पर चिंता जताई, उदित राज बोले- स्वास्थ्य से बड़ा कोई पर्व नहीं
- उदित राज का आरोप- एनडीए की खामियां छिपाई जाती हैं, इंडिया गठबंधन को निशाना बनाया जाता है
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता उदित राज ने दावा किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक गठबंधन मजबूत है और हमारे गठबंधन में किसी तरह से कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मीडिया को सिर्फ हमारे गठबंधन में ही कमी क्यों दिखाई देती है।
उन्होंने कहा कि मीडिया को केवल इंडिया गठबंधन में ही कमियां नजर आती हैं, जबकि एनडीए में मतभेद उससे कहीं अधिक हैं।
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की बातें हमेशा उछाली जाती हैं, लेकिन एनडीए की कमियां नजर नहीं आतीं। एक सप्ताह बाद जब चुनाव प्रचार तेज होगा तो तस्वीर साफ हो जाएगी।
उदित राज ने दीपोत्सव को लेकर अपने एक पोस्ट का जिक्र करते हुए कहा कि भारत कई क्षेत्रों में विश्व रिकॉर्ड बना रहा है, लेकिन क्या हमारे देश में बेरोजगारी नहीं है? उन्होंने सरकार से सवाल किया कि बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की खुदकुशी के मामले में उदित राज ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि नौ बिंदुओं का पत्र बहुत गंभीर है। अगर इनका जवाब नहीं मिला, तो यह साफ है कि हरियाणा में गुंडाराज चल रहा है, न कि नायब सिंह सैनी का राज। हरियाणा में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। इन बिंदुओं की जांच होनी चाहिए।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर उदित राज ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। दीपावली के समय अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। रातभर पटाखे चलाए गए। अगर हम सवाल उठाते हैं, तो हमें हिंदू विरोधी बता दिया जाता है। यदि हम जान की रक्षा और स्वच्छ वातावरण की बात करते हैं तो परंपरा विरोधी करार दे दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षित और संपन्न लोग लाखों रुपये के पटाखे खरीदकर लाते हैं। क्या इसे शिक्षित समाज कहा जाएगा? एक सभ्य समाज की अपनी जिम्मेदारी होती है। स्वास्थ्य से बड़ी कोई चीज नहीं हो सकती। हमें परंपराओं का सम्मान करते हुए भी स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए।