सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर पर सुनवाई, जानें दलीलें
सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर पर सुनवाई;
सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर पर सुनवाई
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर पर सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट उन पिटीशन पर सुनवाई कर रहा है, जिनमें इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया द्वारा अलग-अलग राज्यों के लिए घोषित इलेक्टोरल रोल के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) को चुनौती दी गई है।
चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच पिटीशनर्स की दलीलें सुन रही है।
बेंच ने आज की सुनवाई पूरी की
अब इस मामले की सुनवाई 9 दिसंबर को होगी
आलम : 1960 के मौजूदा चुनाव मैनुअल में, उठाई गई हर चिंता का सहारा लिया जा सकता है
आलम: जिस भी चीज़ को विवादित नोटिफिकेशन में आधार बनाया गया है, वह पहले से ही तय नियमों में शामिल है।
आलम: एक नॉन-ऑब्स्टेंटे क्लॉज़ - भले ही आप इसे किसी प्रोविज़न के बारे में इस्तेमाल करें - बाकी एक्ट पर, यह लागू नहीं होगा, सिर्फ़ खास प्रोविज़न पर लागू होगा।
आलम: 21(3) लगातार चिंता का विषय रहा है....जस्टिस बागची ने 21(3) के तहत ईसीआई की शक्ति का मुद्दा भी उठाया - यह उनके पास एकमात्र इजेक्शन बटन है
पीठ चर्चा करती है
सीनियर एडवोकेट शोएब आलम ने अपनी बातें रखीं
भूषण ने निष्कर्ष निकाला
भूषण: नए सिरे से वेरिफिकेशन बहुत ध्यान से करना होगा, सबसे पहले, वे नागरिकता वेरिफिकेशन नहीं कर सकते, दूसरी समस्या ट्रांसपेरेंसी है, ट्रांसपेरेंसी की पूरी कमी है, और कोई सोशल ऑडिट भी नहीं है....ये बेसिक समस्याएं हैं।
भूषण: मैनुअल में ऐसा कहने के बावजूद आपत्तियां और दावे वेबसाइट पर नहीं डाले गए हैं।