दिल्ली में 25 नवंबर को छुट्टी, गुरु तेग बहादुर शहीदी दिवस पर सरकार का ऐलान

गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार ने 25 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है;

Update: 2025-11-24 04:40 GMT

उपराज्यपाल का आदेश, सभी सरकारी दफ्तर रहेंगे बंद

  • गुरु तेग बहादुर की शहादत को सम्मान, दिल्ली सरकार ने बदला अवकाश का फैसला
  • प्रतिबंधित अवकाश से सार्वजनिक अवकाश में बदला आदेश, जानें पूरी जानकारी
  • हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि, दिल्ली में छुट्टी का ऐलान

नई दिल्‍ली। गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार ने 25 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। इस संबंध में सरकार द्वारा रविवार को आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई।

जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल ने आदेश दिया है कि दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले सभी कार्यालयों में 25 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश रहेगा।

इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि इस विषय में पहले जारी की गई अधिसूचना, जिसके तहत 25 नवंबर को प्रतिबंधित अवकाश घोषित किया गया था, उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।

अधिसूचना को उपराज्यपाल के आदेश से तथा उनके नाम पर जारी किया गया है। सरकार का यह निर्णय गुरु तेग बहादुर की महान त्याग और बलिदान की परंपरा को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से लिया गया है।

इससे पहले, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर को लेकर 25 नवंबर को अवकाश की घोषणा की थी। उन्‍होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी का जीवन और शहादत ज़ुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ हमेशा रहने वाले विरोध की निशानी है। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब जी न सिर्फ सिख पंथ के नौवें गुरु थे, बल्कि इंसानियत के रक्षक भी थे।

सीएम ने कहा कि गुरु साहिब जी का सबसे बड़ा बलिदान दुनिया के इतिहास में एक अमर अध्याय है। उनका शौर्य, निर्मलता, दया और सरबत दा भला के प्रति अटूट समर्पण पीढ़ियों को रास्ता दिखाता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि गुरु साहिब जी की सेवा, सहनशीलता, मेलजोल और दुनिया भर में भाईचारे की शिक्षाएं आज भी बहुत काम की हैं, जो हमें याद दिलाती हैं कि दूसरे की आजादी की रक्षा करना सबसे बड़ा नेकी है।

सीएम रेखा गुप्‍ता ने कहा कि सार्वजनिक अवकाश का ऐलान सिर्फ एक प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि यह दिल्ली सरकार की तरफ से गुरु तेग बहादुर साहिब जी की पवित्र विरासत का सम्मान करने के लिए एक बहुत ही सम्मान और विनम्र श्रद्धांजलि है, जिन्हें दुनिया भर में हिंद की चादर के नाम से पूजा जाता है।

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