बिहार में एसआईआर के जरिए वोटिंग का अधिकार छीनने की साजिश : खड़गे

बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर देश की सियासत गरमा गई है। सोमवार को विपक्षी दलों के सांसदों ने इस मुद्दे पर संसद परिसर में जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया;

Update: 2025-07-28 12:30 GMT

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर देश की सियासत गरमा गई है। सोमवार को विपक्षी दलों के सांसदों ने इस मुद्दे पर संसद परिसर में जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया।

इस प्रदर्शन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित इंडी अलायंस के कई बड़े नेता और सांसद शामिल हुए।

यह विरोध-प्रदर्शन संसद के मकर द्वार के पास आयोजित किया गया, जहां विपक्षी नेता एक बड़ा बैनर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बैनर पर लिखा था- 'एसआईआर- अटैक ऑन डेमोक्रेसी'। यानी एसआईआर लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है। केंद्र सरकार लोकतंत्र को कमजोर करने का काम कर रही है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने एसआईआर के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) एकतरफा और पक्षपातपूर्ण तरीके से किया जा रहा है, जिससे निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। विपक्षी सांसदों ने यह भी मांग की कि एसआईआर जैसे गंभीर मुद्दे पर संसद में व्यापक चर्चा कराई जाए।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विरोध-प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए खड़गे ने पोस्ट में लिखा, "संसद में इंडी गठबंधन जनता के अधिकारों की आवाज उठाता रहेगा। पूरे देश में एसआईआर लागू करवाकर एक साजिश के तहत कमजोर वर्गों से वोटिंग का अधिकार छीनना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोकतंत्र और संविधान पर हम आरएसएस-भाजपा की मनुवादी मानसिकता हावी नहीं होने देंगे।"

उल्लेखनीय है कि एसआईआर को लेकर जारी सियासी संग्राम के बीच विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए एक वैध और जरूरी कदम है। आयोग के हलफनामे के अनुसार, इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के 1.5 लाख से अधिक बूथ-स्तरीय एजेंटों को शामिल किया गया था।

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