दिल्ली, बिहार और वाराणसी समेत अन्य राज्यों में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद संपन्न हुआ छठ महापर्व
चार दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद मंगलवार को सुबह संपन्न हो गया। छठ व्रतियों ने गंगा घाटों पर उगते सूर्य की उपासना की। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास भी खत्म हुआ;
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ छठ महापर्व
नई दिल्ली/ वाराणसी। चार दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद मंगलवार को सुबह संपन्न हो गया। छठ व्रतियों ने गंगा घाटों पर उगते सूर्य की उपासना की। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास भी खत्म हुआ।
काशी के अर्धचंद्राकार गंगा घाटों पर आस्थावानों का अद्भुत संगम दिखाई पड़ा। रात्रि में हुई बारिश के बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु छठी मइया की आराधना को संकल्पित दिखे।
दिल्ली के निहाल विहार में भी महिला और पुरूष व्रतधारियों ने उगते हुए सूर्य को घाटों में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित किया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए ड्रोन से निगरानी की जा रही थीं। भोर में भक्तों को परेशानी न हो, इसके लिए घाटों पर उचित प्रकाश की व्यवस्था की गई थी।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक आस्था के महापर्व छठ के अंतिम दिन आज अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग स्थित तालाब में पूरी सादगी एवं श्रद्धा के साथ उदयीमान भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित किया तथा ईश्वर से राज्य एवं देशवासियों की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिये प्रार्थना की।
पहली बार छठ कर रही मंजू देवी ने बताया कि रात्रि में बारिश होने से घाटों पर कीचड़ हो गया था। लेकिन सभी ने एक-दूसरे का बखूबी सहयोग किया और छठी मइया के आशीर्वाद से किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। अनीता यादव ने बताया कि छठ का व्रत काफी कठिन होता है।
काशी का कोई भी घाट ऐसा नहीं बचा था, जहां आस्थावानों की भीड़ न उमड़ी हो। परिवार और देश की मंगल कामना के साथ महापर्व संपन्न हुआ।