सरवना भवन के मालिक राजगोपाल का समर्पण, जेल भेजे गए

हत्या के आरोप में दोषी करार दिए जाने और आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद सरवना भवन रेस्तरां समूह के मालिक पी. राजगोपाल ने मंगलवार को चेन्नई की एक अदालत में समर्पण कर दिया;

Update: 2019-07-10 00:10 GMT

चेन्नई/नई दिल्ली। हत्या के आरोप में दोषी करार दिए जाने और आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद सरवना भवन रेस्तरां समूह के मालिक पी. राजगोपाल ने मंगलवार को चेन्नई की एक अदालत में समर्पण कर दिया, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। अपने कर्मचारी प्रिंस संतकुमार की हत्या के मामले में राजगोपाल को दोषी पाया गया है। 

राजगोपाल ने सर्वोच्च न्यायालय में समर्पण करने के लिए समय देने की अर्जी लगाई थी। शीर्ष न्यायालय के इनकार करने के कुछ घंटों बाद ही उसने समर्पण कर दिया।

वह यहां अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में एक ऑक्सीजन मास्क के साथ एक एम्बुलेंस में आया और व्हीलचेयर में न्यायाधीश के सामने पेश हुआ।

इससे पहले चिकित्सा का हवाला देते हुए समय बढ़ाने की राजगोपाल की मांग को सर्वोच्च न्यायालय ने ठुकरा दिया।

शीर्ष अदालत ने राजगोपाल के वकील को फटकार लगाई कि अगर वह इतने बीमार थे, तो उन्होंने सुनवाई के दौरान अपनी बीमारी का जिक्र क्यों नहीं किया। अदालत ने उन्हें कोई राहत नहीं दी।

71 वर्षीय राजगोपाल ने यह भी मांग की कि उन्हें जेल भेजे जाने से छूट दी जाए और उनके अस्पताल में भर्ती होने को जेल की सजा समझा जाए, जिससे अदालत सहमत नहीं हुई।

देश और विदेशों में लोकप्रिय रेस्तरां श्रंखला के संस्थापक राजगोपाल को एक सत्र अदालत ने संतकुमार की हत्या के आरोप में 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। 

संतकुमार की पत्नी से वह शादी करके उसे अपनी तीसरी पत्नी बनाना चाहता था। जब महिला ने प्रस्ताव ठुकरा दिया, तो उसने उसके पति को मरवा दिया।

सत्र अदालत के निर्णय के खिलाफ उसने मद्रास उच्च न्यायालय में अपील की, लेकिन यहां उनकी सजा उम्रकैद तक बढ़ा दी गई। 

शीर्ष अदालत ने मार्च में सजा बरकरार रखी थी और उसे सात जुलाई को समर्पण करना था।

उसने बीमारी का हवाला देते हुए सात जुलाई को अपने कार्यकाल की शुरुआत में देरी के लिए सोमवार को शीर्ष अदालत का रुख किया, जहां से उसे निराशा ही हाथ लगी। 

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