कोरोनावायरस : लखनऊ में सीएए और एनआरसी का प्रदर्शन स्थगित

उत्तर प्रदेश की राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे धरना प्रदर्शन को कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर आज स्थगित कर दिया गया;

Update: 2020-03-23 11:48 GMT

लखनऊ ।  उत्तर प्रदेश की राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे धरना प्रदर्शन को कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर आज स्थगित कर दिया गया है।

दरअसल, कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लखनऊ को लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में प्रशासन ने प्रदर्शनकारी महिलाओं से अपील की, जिसके बाद प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया और धरने पर बैठी सभी महिलाओं को सुरक्षित घर पहुंचा दिया गया है।

पुलिस आयुक्त को लिखे एक पत्र में महिलाओं ने कहा, "लखनऊ स्थित घंटाघर पर पिछले 66 दिनों से सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए अस्थाई तौर पर स्थगित किया गया है। जब बीमारी का खतरा नहीं रहेगा, हम अपनी जगह पर यथापूर्वक पुन: धरने पर बैठ जाएंगे। इसके बदले हम सभी महिलाएं संकेत के रूप में अपने दुपट्टों के बनाएं मंच को यथास्थित पर छोड़कर जा रहे हैं।"

उन्होंने प्रशासन से कहा है कि उनके संकेतिक धरने को यथास्थिति बनाएं रखने में सहयोग करे।

गौरतलब है कि कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए रविवार को शिया धर्म गुरू कल्बे सादिक सहित अनेक धर्मगुरुओं व धरने में शामिल रहीं सदफ, मुनव्वर राणा की बेटी ने धरने को समाप्त करने की अपील की थी। इसके बाद 17 जनवरी से सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन पर बैठी महिलाओं ने रविवार रात तीन बजे धरना स्थगित करने का फैसला लिया, जिसके बाद पुलिस की निगरानी में सभी को घर पहुंचाया गया।

कोरोना से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन ने राजधानी को 25 मार्च तक लॉकडाउन करने का फैसला किया है और तत्काल प्रभाव से यह आदेश लागू माना जाएगा। लॉकडाउन होने के बाद आम लोग केवल इमरजेंसी सेवाओं के लिए ही बाहर निकल सकेंगे। सरकार की घोषणा के बाद प्रशासन ने लॉकडाउन का शत-प्रतिशत पालन कराने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए।

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा, "कोरोना से सुरक्षा ही बचाव का सबसे सही तरीका है। लोग दूरी बना कर रहे इसके लिए जरूरी है कि प्रशासन के निर्देशों का पालन किया जाए, जो भी व्यक्ति प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करता पाया जाएगा उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।"

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