कोरोना संकट में बदलना होगा जीवन जीने का तरीका : राकांपा

बिहार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि कोरोना महामारी में समाज और अर्थव्यवस्था में आ रहे परिवर्तन के अनुसार लोगों को जीवन जीने के तरीके में भी बदलाव लाना होगा;

Update: 2020-05-25 22:21 GMT

पटना। बिहार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि कोरोना महामारी में समाज और अर्थव्यवस्था में आ रहे परिवर्तन के अनुसार लोगों को जीवन जीने के तरीके में भी बदलाव लाना होगा।

राकांपा के बिहार इकाई के उपाध्यक्ष प्रो. नवीन कुमार सिंह ने सोमवार को यहां कहा कि देश में लॉकडाउन के दो महीने पूरे हाने के बाद भी स्थिति दयनीय है। ऐसे हालात में जब संक्रमण के इलाज के लिए वैक्सीन नहीं है, देश की अर्थव्यवस्था घुटने के बल रेंग रही हैं और कारखानों से मजदूर बहुत दूर जा चुकें हैं तथा घर में बंद रहकर लोग सिज़ोफ्रेनिया के शिकार हो रहे हैं तो अच्छा होगा कि कोरोना महामारी को सहभागी बना लिया जाए।

प्रो. सिंह ने कहा कि सरकार और व्यवस्था के बल पर लडाई नहीं लडी जा सकती है क्योंकि इनकी भी सीमाएं सीमित हैं। राकांपा सांसद सुप्रिया शुले ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के साहसिक कदम की सराहना करते हुए लाकडाउन में ढील देने की कला को जीवन जीने के लिए सही कहा है। साथ ही महाराष्ट्र में भी 01 जून से कई रियायत मिलने की संभावना है। साथ ही कार्यस्थल को तीन पालियों में और कर्मचारियों की छोटी- छोटी टोली से कार्यालय और घर से काम कराने की व्यवस्था की जा रही हैं।

घरेलू और अन्तरराष्ट्रीय उड़ान काफी सावधानी के साथ जून-अगस्त से चालू होंगे। यह सुविधा-असुविधा अनुमानत: दो वर्षों तक कायम रहेंगे। ऐसे में लोगों को जीवन जीने के तरीके बदलने होंगे।

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