कोरोना उपचार : सरकार और उपराज्यपाल में तकरार

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच हुई एक अहम बैठक के दौरान केजरीवाल सरकार व उपराज्यपाल के बीच मतभेद स्पष्ट तौर पर उभर कर सामने आए।;

Update: 2020-06-20 14:43 GMT

नई दिल्ली | दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच हुई एक अहम बैठक के दौरान केजरीवाल सरकार व उपराज्यपाल के बीच मतभेद स्पष्ट तौर पर उभर कर सामने आए। उपराज्यपाल ने कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए कम से कम 5 दिन आइसोलेशन सेंटर में रहने का नियम बनाया है, जबकि दिल्ली सरकार ऐसा नहीं चाहती। सरकार व उपराज्यपाल के बीच यह मतभेद शनिवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की एक अहम बैठक में सामने आए। दोनों पक्षों के बीच उभरे विरोध के कारण यह बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गई है। अब यह बैठक शनिवार शाम 5 बजे दोबारा होगी।

राज्यपाल ने एक आधिकारिक आदेश जारी करते हुए कहा, "दल्ली में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले सभी लोगों को 5 दिन के लिए आइसोलेशन सेंटर में रहना होगा। होम आइसोलेशन के दौरान कोरोना संक्रमितों को फोन करने वाली कंपनी की सेवाएं भी निरस्त कर दी गई हैं।"

बैठक में मौजूद उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल के इस आदेश का विरोध किया। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मनीष सिसोदिया ने कहा होम क्वारंटीन करने का फैसला अच्छा है इसे नहीं बदला जाना चाहिए।

वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस फैसले पर अपना विरोध जताया। दिल्ली सरकार ने कहा, "जो नियम पूरे देश भर के राज्यों पर लागू हो रहे हैं वहीं नियम दिल्ली पर क्यों लागू नहीं किए जा रहे। दिल्ली के लिए अलग नियम क्यों बनाया गया है। कहां से इतने डॉक्टर और नर्स उपलब्ध हो सकेंगे।"

दिल्ली सरकार ने कहा, "कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली सरकार का होम आइसोलेशन कार्यक्रम सबसे सफल कदमों में से एक रहा है। हमने प्रतिदिन निगरानी और परामर्श के माध्यम से अब तक घर पर हजारों हल्के और एसिम्प्टोमैटिक लोगों का इलाज किया है। केंद्र सरकार के आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के अनुसार, होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है।"

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