दिल्ली में हल्के लक्षण वाले कोरोना रोगी नहीं होंगे भर्ती, एलजी ने वापस लिया आदेश

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा भारी विरोध किए जाने के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कोरोना रोगियों को लेकर जारी किया गया अपना एक अहम फैसला वापस ले लिया;

Update: 2020-06-20 19:24 GMT

नई दिल्ली । दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा भारी विरोध किए जाने के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कोरोना रोगियों को लेकर जारी किया गया अपना एक अहम फैसला वापस ले लिया है। इस फैसले के अंतर्गत उपराज्यपाल ने सभी कोरोना रोगियों को कम से कम 5 दिन आइसोलेशन सेंटर में रखे जाने का आदेश दिया था। यह आदेश अब वापस ले लिया गया है।

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार शाम हुई डीडीएमए की बैठक में पांच दिन के संस्थागत क्वारंटाइन का फैसला वापस लिया। डीडीएमए की दोबारा हुई बैठक में भारी विरोध के बाद उपराज्यपाल ने अपना फैसला वापस लिया है।

उपराज्यपाल ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा, "ऐसे कोरोना संक्रमित व्यक्ति जिन्हें चिकित्सीय आधार पर अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है और उनके पास अपने घरों के अंदर आइसोलेशन में रहने की व्यवस्था नहीं है सिर्फ उन्हें ही संस्थागत क्वारंटाइन में रहना होगा।"

शनिवार सुबह इसी विषय पर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच मतभेद स्पष्ट तौर पर उभर कर सामने आए। उपराज्यपाल ने कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए कम से कम 5 दिन आइसोलेशन सेंटर में रहने का नियम बनाया था जबकि दिल्ली सरकार ऐसा नहीं चाहती।

उपराज्यपाल ने 19 जून को एक आधिकारिक निर्णय लेते हुए दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले सभी लोगों को 5 दिन के लिए आइसोलेशन सेंटर में रहने का आदेश जारी किया था। होम आइसोलेशन के दौरान कोरोना संक्रमितों को फोन करने वाली कंपनी की सेवाएं भी निरस्त कर दी गई थीं।

उपराज्यपाल के साथ बैठक में मौजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस आदेश का विरोध किया। दिल्ली सरकार ने कहा "अगर लोगों को यह महसूस होगा कि कोरोना होते ही सरकार क्वॉरंटाइन में उठाकर ले जाएगी तो वह डरेंगे। इसके अलावा जिस स्पीड से कोरोना के मामले आ रहे हैं अगर ऐसे ही तीन-चार हजार मामले रोज आते रहे तो इतने लोगों के लिए बेड की व्यवस्था, मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था एक बहुत बड़ा चैलेंज होगा।"


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