कांग्रेस ने राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने का लिया क्रेडिट

बीआरएस एमएलसी के. कविता ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग को लेकर एक दिवसीय भूख हड़ताल की;

Update: 2023-03-10 16:59 GMT

नई दिल्ली। बीआरएस एमएलसी के. कविता ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग को लेकर एक दिवसीय भूख हड़ताल की। कांग्रेस ने इसे राज्यसभा में पारित करने का श्रेय लेने का दावा किया और कहा कि विधेयक अभी लैप्स नहीं हुआ है। संचार के प्रभारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस नेतृत्व के प्रयासों के कारण 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया। लेकिन इसे लोकसभा में समर्थन नहीं मिला। विधेयक लैप्स नहीं हुआ है। यह चल रहा है और लंबित है। इसे पुनर्जीवित होने से कोई नहीं रोक सकता?

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास नहीं हो सका। यूपीए के कुछ तत्कालीन घटकों सहित कई राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया था।

कांग्रेस ने जंतर मंतर पर एक दिवसीय भूख हड़ताल में भाग नहीं लेने का फैसला किया।

बीआरएस ने कहा कि उन्हें आप- संजय सिंह और चित्रा सरवारा, शिवसेना (उद्धव) प्रतिनिधिमंडल, अकाली दल- नरेश गुजराल, पीडीपी- अंजुम जावेद मिर्जा, नेकां- डॉ. शमी फिरदौस, तृणमूल कांग्रेस- सुष्मिता देव, जद(यू)- के.सी. त्यागी, राकांपा- डॉ. सीमा मलिक, भाकपा- नारायण के., सीपीआई (एम)-सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी- पूजा शुक्ला, राजद- श्याम रजक और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल आदि की पुष्टि मिली थी।

इससे पहले, उन्होंने कांग्रेस सहित 18 राजनीतिक दलों को एक दिवसीय भूख हड़ताल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।

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