कांग्रेस ने मंडावा में भाजपा से सीट छीनी, खींवसर में रालोपा रखी बरकरार

राजस्थान में विधानसभा के दो उपचुनावों में कांग्रेस ने मंडावा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सीट छीन ली जबकि खींवसर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) अपनी सीट बरकरार रखने में सफल रही।;

Update: 2019-10-24 13:47 GMT

जयपुर । राजस्थान में विधानसभा के दो उपचुनावों में कांग्रेस ने मंडावा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सीट छीन ली जबकि खींवसर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) अपनी सीट बरकरार रखने में सफल रही।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के लिए मंडावा सीट पर जीत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए खुशी का मौका लेकर आई है। देश भर में भाजपा के पक्ष में चल रही लहर का भी यहां असर देखा नहीं गया। नागौर जिले के खींवसर में रालोपा ने सीट बरकरार रखी लेकिन उसका उम्मीदवार जीत के लिए पांच हजार का आंकड़ा भी नहीं छू पाया।

कांग्रेस की जीत का फायदा पार्टी को शहरी निकायों के चुनाव में भी मिल सकेगा। गहलोत सरकार को भी कामकाज चलाने में आसानी होगी। भाजपा के लिए विधानसभा उपचुनाव ज्यादा शुभकारी नहीं रहे क्योंकि पार्टी ने जहां मंडावा सीट खो दी वहीं खींवसर में भी उसका समर्थित दल रालोपा के उम्मीदवार नारायण बेनीवाल बड़े अंतर से नहीं जीत पाये। यहां भाजपा की अंतरकलह भी सामने आई।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चुनाव प्रचार में अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय रही तथा नवनियुक्त पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां से छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर हो गया। इन चुनाव में श्रीमती राजे के गुट की भूमिका पर भी प्रश्न चिह्न लगाया गया हैै।
रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल अपनी साख बचाने में सफल रहे जबकि उनका मंडावा सीट जीताने का दावा खोखला साबित हुआ।

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