कांग्रेस ने बिजली की दरों में वृद्धि का किया विरोध

छगरा विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आगामी वर्ष के लिये बिजली की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव नहीं दिया है....;

Update: 2017-03-30 17:10 GMT

रायपुर। छगरा विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आगामी वर्ष के लिये बिजली की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव नहीं दिया है फिर भी छग रा. नियामक आयोग अपनी तरफ से 10 फीसदी से 15 फीसदी तक बिजली की दरों में वृद्धि लागू करने में लगा है जो एक तरफा कार्रवाई है। 

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एमए इकबाल ने कहा है कि नियामक आयोग के द्वारा लिये गये इस फैसले का कांग्रेस पार्टी विरोध करती है। 10 फीसदी से 15 फीसदी बिजली दरों की वृद्धि घरेलू तथा कृषि कार्य के उपयोग की बिजली दरों में किया जाएगा, जिससे छोटे एवं मध्यम वर्ग के लोग प्रभावित होंगे। जबकि नियामक आयोग मिनी स्टील प्लांट, स्पंज प्लांट आदि को बिजली दरो की वृद्धि से अलग रखना चाहती है। छोटे उपभोक्ता वैसे भी बिजली के अनाप-शनाप बिलों से परेशान है।

बिजली कंपनी द्वारा बिजली बिल के लिये बनाए गए स्लेब सिस्टम के कारण अधिक बिजली बिल की राशि पटाने के लिये मजबूर है। कांग्रेस पार्टी द्वारा विरोध होने के कारण सरकार ने वीसीए चार्ज को वापस लिया है। विद्युत वितरण कंपनी वर्तमान में लगभग 22 हजार करोड़ के घाटे में है, जो कंपनी प्रशासन एवं अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुआ है। उसको कम करने का कोई सकारात्मक उपाय नहीं किया जा रहा है इसे यह कहकर कि यह ट्रांसमिशन लास है बात समाप्त कर दी जाती है।

मड़वा पावर प्लांट की 500-500 की दो यूनिट में से एक या कभी-कभी दोनो यूनिट बंद हो जाती है। इस ओर सरकार या बिजली उत्पादन कंपनी का ध्यान नहीं जाता है। मड़वा प्लांट का निर्माण से लेकर आज तक अरबो रूपयों का नुकसान हो चुका है। मड़वा प्लांट आज भी सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है। यह उत्पादन कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण है। जिसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है।

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