विधायक अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने कांग्रेस ने दी याचिका

इन दिनों आंतरिक कलह से जूझ रही कांग्रेस ने रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को याचिका दी;

Update: 2019-11-27 13:05 GMT

लखनऊ। इन दिनों आंतरिक कलह से जूझ रही कांग्रेस ने रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को याचिका दी है। कांग्रेस विधानसभा में विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने उप्र सदस्य दल परिवर्तन की निर्भरता नियमावली 1987 के तहत नोटिस दिया है। अदिति सिंह ने पार्टी व्हिप के खिलाफ दो अक्टूबर को हुए 36 घंटे के विशेष सत्र में हिस्सा लिया था।

इससे पहले अदिति सिंह को पार्टी के निर्देशों के विपरीत सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा के लिए गांधी जयंती पर बुलाए गए विधानमंडल के विशेष सत्र में शामिल होने पर नोटिस दिया गया था। उस दौरान उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर बयान भी दिए थे। तब कांग्रेस की ओर से उन्हें पहला नोटिस भेजा गया था, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया। पार्टी के खिलाफ बागी रुख दिखाने वाली अदिति की तरफ पार्टी अबतक आंखें मूंदे बैठी थी। इधर, अनुशासनहीनता में पार्टी से निकाले गए वरिष्ठ कांग्रेसियों ने दो टूक कहा था कि अनुशासनहीनता में हम पर कार्रवाई और विधायक अदिति सिंह पर खामोशी पार्टी नेताओं का दोहरा चेहरा दिखाता है। माना जा रहा है कि इस आरोप के बाद ही अदिति के खिलाफ यह कदम उठाया गया है।

इससे पहले भी अदिति सिंह ने पार्टीलाइन से हटकर कदम उठाए हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया था। फिर पार्टी की मनाही के बावजूद गांधी जयंती पर आयोजित विधानमंडल के विशेष सत्र में हिस्सा लिया था। जिस दिन राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाया था, उस दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में शांति यात्रा का नेतृत्व किया था और अदिति सिंह पार्टी के आयोजन से दूर रहीं।

विशेष विधानसभा सत्र में भाग लेने के तुरंत बाद, राज्य सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई। इसके बाद अदिति सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की, जिससे पार्टी के भीतर हडकंप मच गया।

वह 22 से 24 अक्टूबर के बीच रायबरेली में आयोजित पार्टी के प्रशिक्षण सत्र से अनुपस्थित थीं और कांग्रेस के विधानमण्डल में तत्कालीन नेता अजय कुमार लल्लू द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया। पार्टी से निष्कासित वरिष्ठ कांग्रेसियों ने सवाल उठाए थे, जिसके बाद अब फिर से उन्हें नोटिस भेजा गया है।

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