कांग्रेस ने एआरटीआरएसी को शिमला से हटाने के प्रस्ताव का विरोध किया

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने सैन्य प्रशिक्षण कमांड (एआरटीआरएसी) को शिमला से उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थानांतरित करने की सरकार की प्रस्तावित योजना के विरोध में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है;

Update: 2019-06-13 17:08 GMT

शिमला। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने सैन्य प्रशिक्षण कमांड (एआरटीआरएसी) को शिमला से उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थानांतरित करने की सरकार की प्रस्तावित योजना के विरोध में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है।

शर्मा ने आज लिखे अपने पत्र में कहा कि वह सेवानिवृत्त सेवा प्रमुखों और रणनीतिक विशेषज्ञों समेत वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के विचार को देखते हुए मामले में रक्षामंत्री का हस्तक्षेप चाहते हैं।

शिमला भारतीय सेना के लिए करीब 150 वर्षो से रणनीतिक स्थान बना हुआ है और यह 1864 से 1939 के बीच तत्कालीन ब्रिटिश काल के दौरान भारतीय सेना का मुख्यालय था।

शर्मा ने इसके गौरवशाली इतिहास को देखते हुए कहा, "भारत की स्वतंत्रता के बाद, पश्चिमी कमान का मुख्यालय शिमला में था और इस दौरान 1948,1965,1971 में भारत-पाक युद्ध हुए और 1962 में भारत-चीन के बीच भी युद्ध हुआ। पश्चिमी कमान को केवल 1985 में चंडीमंदिर स्थानांतरित किया गया था।"

रक्षा मंत्रालय ने इसके 1993 में स्थापना होने के बाद से 27 वर्षो में एआरटीआरएसी के लिए बड़ी संख्या में राशि और संसाधन आवंटित किया है।

इस शहर के रहने वाले शर्मा ने कहा कि डायरेक्टरेट जनरल मिलिट्री ट्रेनिंग (डीजीएमटी) और एआरटीआरएसी के विलय के बाद आवास की कमी प्रस्तावित स्थानांतरण की वजह है।

वास्तव में, जुतोग छावनी में पर्याप्त संरचना मौजूद है।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा, "इन बड़े संस्थानों को शिमला से मेरठ स्थानांतरित किए जाने से राजकोष पर सैकड़ों करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा और इससे कोई फायदा नहीं होगा।"

शर्मा ने रक्षा मंत्रालय से स्थानांतरण रद्द करने का आग्रह करते हुए कहा कि इसका राज्य और शिमला पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्षी कांग्रेस के सवाल का जवाब देते हुए 14 फरवरी को कहा था कि वह एआरटीआरएसी के कथित स्थानांतरण का विरोध करते हैं और यह मामला केंद्र के समक्ष उठाएंगे।

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