“आप” के 20 विधायकों पर लाभ के पद मामले में त्वरित फैसले की कांग्रेस ने चुनाव आयोग से लगाई गुहार
आप के 20विधायकों के खिलाफचल रहे लाभ के पद की कार्यवाही में निर्णय लेकर उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त सहित चुनाव आयुक्तों से मिलकर ज्ञापन सौंपा;
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के खिलाफचल रहे लाभ के पद की कार्यवाही में निर्णय लेकर उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त सहित चुनाव आयुक्तों से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा।
प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि आप पार्टी के 20 विधायकों ने मंत्रीतुल्य सुविधाएं जिसमे कार्यालय, फर्नीचर तथा सरकारी गाड़ी सहित अन्य सुविधाएं लेकर लाभ का पद 13 मार्च 2015 को गृहण किया था।
उन्होंने कहा कि जब कोई भी विधायक यदि लाभ का पद लेता है तो उसकी विधानसभा से सदस्यता तुरंत रद्द हो जानी चाहिए लेकिन आम आदमी पार्टी के 20 विधायक आज भी विधायक बने हुए हैं तथा विधायकों को मिलने वाली सारी सरकारी सुविधाएं ले रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के साथ पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक सुभाष चौपड़ा, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री डा. योगानन्द शास्त्री, पूर्व विधायक प्रहलाद सिंह साहनी, तरविन्द्र सिंह मारवाह, जसवंत सिंह राणा और नीरज बसौया, पूर्व महापौर फरहाद सूरी, पूर्व निगम पार्षद सतबीर शर्मा, अमन पंवार, ब्रहम यादव, मेंहदी माजिद शामिल थे।
श्री माकन ने निर्वाचन आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 9 जून 2016 को चुनाव आयोग के सामने आप पार्टी के 20 विधायकों को लाभ का पद गृहण करने के कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द किए जाने की मांग की थी।
श्री माकन ने कहा कि 14 जुलाईए 2016 तथा 21 जुलाई 2016 को कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद, अधिवक्ता केसी मित्तल व अन्य अधिवक्ताओं के द्वारा चुनाव आयोग के सामने आप पार्टी के 20 विधायकों की विधानसभा की सदस्यता रद्द किए जाने की दलील रखी गई थी। ज्ञात हो कि 13 जूनए 2016 को राष्ट्रपति ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार द्वारा अपने 20 विधायकों को बचाने के लिए जो बिल विधानसभा में पास किया गया था उसको मंजूरी देने से मना कर दिया था। अब दो वर्ष हो चुके है परंतु आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों पर लाभ के पद के मामले पर कोई कार्यवाही नही हुई है। जबकि अभी तक उनको अयोग्य ठहरा दिया जाना चाहिए था। श्री माकन ने कहा कि हमने मुख्य चुनाव आयुक्त को यह दलील दी कि वे अपनी सेवा निवृति से पहले इस मामले में निर्णय सुनाएं।