आयकर विभाग के 21 और अधिकारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति

सरकार ने आयकर विभाग के ऐसे 21 और अधिकारियों को मंगलवार को अनिर्वाय सेवानिवृत्ति दे दी जिन पर भ्रष्टाचार और अन्य आरोप;

Update: 2019-11-26 17:23 GMT

नयी दिल्ली। सरकार ने आयकर विभाग के ऐसे 21 और अधिकारियों को मंगलवार को अनिर्वाय सेवानिवृत्ति दे दी जिन पर भ्रष्टाचार और अन्य आरोप हैं।

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सूत्रों ने यहां बताया कि ग्रुप बी के आयकर अधिकारी (आईटीओ) स्तर के 21 अधिकारियों को जनहित में मौलिक नियम 56 (जे) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी है। इनके विरूद्ध भ्रष्टाचार और अन्य आरोप तथा केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पकड़े जाने के मामले चल रहे हैं। इनको लेकर अब तक कुल 85 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है जिसमें से 64 वरिष्ठ कर अधिकारी शामिल हैं। उनमें से 12 आयकर विभाग के अधिकारी हैं।

जिन अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की गयी है उनमें राजमुंदरी में पदस्थ सीएच राजाश्री , विशाखापत्तनम में पदस्थ बी श्रीनिवास राव, हैदराबाद में पदस्थ जी वेंकटेश्वर राव, विशाखापत्तनम में पदस्थ पी वेंकटेश्वर राव, श्रीमती लक्ष्मी नीरज, हजारीबाग में पदस्थ विनोद कुमार पाल, हजारीबाग में ही पदस्थ तरूण राय , मुंबई में पदस्थ सुश्री प्रीत बाबुकुट्टन, मुंबई में पदस्थ विजय कुमार कोहाड़, मुंबई में पदस्थ टी वी मोहन, ढाणे में पदस्थ अनिल मल्लेल,ढाणे में ही पदस्थ माधवी चव्हाण, आईटीओ मुख्यालय में पदस्थ एम डी जगदाले, राजकोट में पदस्थ राजेन्द्र सिंघल, गुजरारत में पदस्थ जे बी सिंह, जोधपुर में पदस्थ आर के बोथरा, जोधपुर में ही पदस्थ आर एस सिसोदिया, सवाई माधोपुर में पदस्थ के एल मीना, बीकानेर में पदस्थ एव के फुलवरिया, उज्जैन में पदस्थ अजय विरेह और भोपाल में पदस्थ आर सी गुप्ता शामिल हैं।
 

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