सभी राज्यों में निवेश आकर्षित करने की होड़ : मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि प्रत्येक राज्य में व्यापार और निवेश को आकर्षित करने की होड़ लगी;

Update: 2019-11-07 16:18 GMT

धर्मशाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि प्रत्येक राज्य में व्यापार और निवेश को आकर्षित करने की होड़ लगी है। उन्होंने विपक्ष की इस बात का भी खंडन किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। हिमाचल प्रदेश के पहले दो दिवसीय वैश्विक निवेशक शिखर (ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट) सम्मेलन का उद्घाटन कर निवेशकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पहले इस प्रकार के निवेशक शिखर सम्मेलन देश के कुछ ही शहरों में होते थे। अब समय बदल गया है। प्रत्येक राज्य में व्यापार और निवेश को आकर्षित करने की होड़ लगी है।"

Come, invest in Himachal Pradesh. Addressing the Global Investors’ meet. Watch. https://t.co/bZM320Uw9f

— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2019

आधे घंटे के अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा, "राज्यों के बीच एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा देखी जा सकती है। सरकारें पहल कर रही हैं और गैरजरूरी तंत्र को हटा रही हैं। इस प्रकार की प्रतियोगिता बढ़ने से हमारे उद्योगों को वैश्विक स्तर पर बेहतर रूप से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।"

निवेशको को आकर्षित करने वाली नितियों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस (व्यापार के लिए आसनी) वाले देशों की सूची में भारत की लंबी छलांग केवल एक सांख्यिकीय बदलाव नहीं है बल्कि भारत में व्यापार करने के क्षेत्र में एक क्रांति के समान है।

उन्होंने कहा, "यह भारत में उद्योग के लिए एक बड़ी क्रांति है। इसका मतलब है कि हमारी सरकार ऐसे फैसले ले रही है जिससे औद्योगिक जमीनी तंत्र को बेहतर बनाने में मदद मिली है। हम इसे और अधिक बेहतर बनाने के लिए हर साल बेहतर कदम उठा रहे हैं।"

इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को ही कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक प्रतिनिधि धर्मशाला पहुंच चुके हैं।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, प्रह्लाद पटेल और अनुराग ठाकुर के साथ अन्य औद्योगिकी तथा विदेशी निवेशक इस सम्मेलन में भाग लें रहे हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि इंवेस्टर्स समिट 'राइजिंग हिमाचल' का प्रमुख उद्देश्य कृषि-व्यवसाय, खाद्य प्रसंस्करण और फसलों की कटाई के बाद की तकनीक, विनिर्माण और फार्मास्यूटिकल्स, पर्यटन, अतिथिसेवा और नागरिक उड्डयन, हाईड्रो और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने के लिए निवेशकों को आकर्षित करना है।

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