लोकसभा में पास हुआ कंपनी संशोधन विधेयक
‘कारोबार को अधिक से अधिक सुगम बनाने’ तथा फर्जी कंपनियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लाया गया कंपनी संशोधन विधेयक लोकसभा में आज ध्वनिमत से पारित हो गया;
नयी दिल्ली । ‘कारोबार को अधिक से अधिक सुगम बनाने’ तथा फर्जी कंपनियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लाया गया कंपनी संशोधन विधेयक लोकसभा में आज ध्वनिमत से पारित हो गया।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रस्तावित कानून से कारोबार को और अधिक सुगम बनाया जा सकेगा, जिसके परिणामस्वरूप देश में कारोबारी निवेश बढ़ेगा।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक को अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है जिसमें 31 संशोधन किये गये थे। विधेयक में 12 नये संशोधन भी लाये गये हैं। इस प्रकार कुल 43 संशोधन किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी कानून 2013 में 81 दंडनीय अपराधों में से 16 को दीवानी अपराध बनाने का फैसला किया गया है। इस प्रकार से केवल 65 अपराध ही दंडनीय अपराधों की श्रेणी में रह गये हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ में लंबी छलांग लगायी है, पर अभी और लंबा रास्ता तय करना है। इसके लिए कंपनी कानून में कंपनी सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के अनुसार कई सुधार किये गये हैं।
इसके माध्यम से कंपनी अधिनियम 2013 की धारा-दो के खंड 41 का संशोधन करने का प्रावधान है, जिससे केंद्र सरकार को कुछ कंपनियों को भिन्न-भिन्न वित्तीय वर्ष रखने देने का अधिकार दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष की विभिन्न आशंकाओं को खारिज करते हुए सभी सवालों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को भविष्य में भी कोई अच्छा सुझाव मिलेगा तो आगे भी प्रस्तावित कानून में संशोधन से वह पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक चार लाख मुखौटा कंपनियों का पंजीकरण निरस्त किया है और ऐसी कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए विधेयक के प्रावधानों को और सुदृढ़ किया जा रहा है। सदन ने विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया।
उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि भविष्य में यदि विपक्ष की ओर से कोई सकारात्मक और निर्दिष्ट सुझाव आयेगा तो उस पर भी सरकार अमल करेगी।
सरकार के जवाब से संतुष्ट कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने संबंधित सांविधिक संकल्प वापस ले लिया। सदन ने बाद में ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया।