सिख नरसंहार के 38 साल बीत जाने के बाद भी समुदाय को न्याय नहीं मिला : धामी

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने बुधवार को कहा कि नवंबर 1984 के सिख जनसंहार के घाव अभी भी ताजे हैं;

Update: 2022-11-02 18:27 GMT

अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने बुधवार को कहा कि नवंबर 1984 के सिख जनसंहार के घाव अभी भी ताजे हैं और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 38 साल बीत जाने के बाद भी समुदाय को न्याय नहीं मिला है।

एसजीपीसी ने आज श्री दरबार में गुरुद्वारा झंडा बुंगा साहिब में अखंड पाठ साहिब (गुरु ग्रंथ साहिब का निर्बाध पाठ) का भोग (समापन समारोह) आयोजित करके दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में नवंबर 1984 के सिख नरसंहार में मारे गए सिखों को याद किया।

इस अवसर पर श्री धामी ने कहा कि नवंबर 1984 में तत्कालीन सरकार के इशारे पर कई दिनों तक सिखों पर अत्याचार किया गया, जिसने दुनिया के हर संवेदनशील इंसान को झकझोर कर रख दिया।

उन्होंने कहा कि नवंबर 1984 सिख जनसंहार मानवता के खिलाफ एक क्रूर कृत्य था और कांग्रेस को इस अपराध से कभी भी बरी नहीं किया जा सकता है।

सिख जनसंहार के दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए था, इसके विपरीत आज भी सिखों के दोषियों को पुरस्कृत कर कांग्रेस उनकी रक्षा कर रही है।
एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने नवंबर 1984 के शहीदों को याद किया और कहा कि यह एक जघन्य कृत्य है जिसमें एक सुनियोजित साजिश के तहत सिखों को निशाना बनाया गया।

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