कर्नाटक की 3 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के फैसले का निर्वाचन आयोग ने किया बचाव

कर्नाटक में तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव कराने के अपने फैसले पर आलोचना झेल रहे निर्वाचन आयोग ने आज अपना बचाव करते हुए कहा कि शिमोगा, मंड्या और बेल्लारी (एसटी) सीटें सदन के कार्यकाल पूरा होने के एक साल;

Update: 2018-10-09 17:15 GMT

नई दिल्ली। कर्नाटक में तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव कराने के अपने फैसले पर आलोचना झेल रहे निर्वाचन आयोग ने आज अपना बचाव करते हुए कहा कि शिमोगा, मंड्या और बेल्लारी (एसटी) सीटें सदन के कार्यकाल पूरा होने के एक साल से भी ज्यादा समय से खाली पड़ी हैं।

यह उपचुनाव आम चुनाव से कुछ महीनों पहले हो रहा है। आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में उन समाचार खबरों का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि आयोग ने कर्नाटक में तो उपचुनाव की घोषणा कर दी है, लेकिन आंध्र प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों के लिए अभी तक ऐसा नहीं किया गया।

बयान में कहा गया है कि बेल्लारी (एसटी), शिमोगा और मंड्या की सीटें 18 से 21 मई के बीच खाली हुई थीं, जबकि आंध्र प्रदेश के पांच संसदीय सीटें 20 जून को खाली हुई थीं।

जन प्रतिनिधित्वि अधिनियम की धारा 151ए के तहत निर्वाचन आयोग सीट खाली होने से छह महीने के भीतर उपचुनाव के माध्यम से संसदीय और विधानसभा की खाली पड़ी सीटों को भर सकता है, बशर्ते खाली सीट के संबंध में किसी सदस्य की अवधि का शेष एक वर्ष या उससे अधिक हो।

16वीं लोकसभा का कार्यकाल तीन जून, 2019 को पूरा हो रहा है, ऐसे में सदन का कार्यकाल पूरा होने तक कर्नाटक की खाली सीटों को एक साल से अधिक का समय हो जाएगा और छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने की जरूरत है।

आंध्र प्रदेश के मामले में उपचुनाव कराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि लोकसभा का बाकी कार्यकाल 20 जून को खाली हुई सीटों की तारीख के हिसाब से एक साल से कम बचा है।
 

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