मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना को विश्व स्तर पर मिली पहचान

राजस्थान में एक अभिनव प्रयोग के तौर पर शुरु की गई मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना को न केवल अपने देश में बल्कि विश्व स्तर पर भी काफी पहचान मिली है। ;

Update: 2019-05-29 14:56 GMT

जयपुर । राजस्थान में एक अभिनव प्रयोग के तौर पर शुरु की गई मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना को न केवल अपने देश में बल्कि विश्व स्तर पर भी काफी पहचान मिली है। 

इस योजना को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने दूसरे मुख्यमंत्री काल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयन्ती पर दो अक्टूबर 2011 में राज्य में प्रारम्भ किया था। इस योजना में राजस्थान को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। राजस्थान में इस योजना के सफल क्रियान्वयन से प्रेरित केन्द्र सरकार ने इस मॉडल को वर्ष 2013-14 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम का हिस्सा बनाते हुए अन्य राज्यों को भी इसे अपनाने की अनुशंसा की। देश के कई राज्यों ने इसे अपनाया। इसके बाद इसे न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर भी खासी पहचान मिली है। 

चिकित्सा विभाग के विशिष्ठ शासन सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. समित शर्मा ने बताया कि जनसामान्य को दवाईयों के भारी खर्च से बचाने और उनको सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रदेश में इस योजना की परिकल्पना की गई थी। राजस्थान में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना का 18 राज्यों के प्रतिनिधि एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि यहां आकर अध्ययन कर चुके हैं तथा कई राज्यों में इसे लागू भी किया गया है। कुछ ही समय पहले अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के सलाहकार पेट्रिक गेसपार्ड ने भी बस्सी और जयपुर में इस दवा योजना के क्रियान्वयन को प्रत्यक्ष रूप से देखा था। 

 शर्मा ने बताया कि हाल में स्विट्जरलैण्ड के जेनेवा में भी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने इसके बारे में प्रस्तुतीकरण दिया था। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने एनएचएम में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा और मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना को शामिल किया है। जो राज्य इन योजनाओं को अपने यहां लागू करना चाहते हैं, उन्हें वित्तीय सहायता एनएचएम के तहत प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया राजस्थान में 750 से अधिक दवाइयां इस योजना के अन्तर्गत प्रदान की जा रही हैं, जो देश में सर्वाधिक है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा में इन दवाओं एवं जांचों की संख्या बढाने की भी घोषणा कर चुके हैं।

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