स्पुतनिक वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण शुरू

जेएसएस मेडिकल रिसर्च द्वारा क्लीनिकल रिसर्च पार्टनर के रूप में क्लिनिकल परीक्षण किया जा रहा है;

Update: 2020-12-01 23:45 GMT

नई दिल्ली। डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला, कसौली से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के बाद उन्होंने कोविड-19 के लिए भारत में स्पुतनिक-वी वैक्सीन के लिए अनुकूली दूसरे एवं तीसरे चरण के नैदानिक (क्लीनिकल) परीक्षणों की शुरुआत की है। यह एक बहुस्तरीय और यादृच्छिक नियंत्रित अध्ययन होगा, जिसमें सुरक्षा और प्रतिरक्षात्मक अध्ययन शामिल होंगे।

जेएसएस मेडिकल रिसर्च द्वारा क्लीनिकल रिसर्च पार्टनर के रूप में क्लिनिकल परीक्षण किया जा रहा है।

इसके अलावा डॉ. रेड्डीज ने जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बिराक), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के साथ सलाहकार समर्थन के लिए और वैक्सीन के लिए बिराक के नैदानिक परीक्षण केंद्रों का उपयोग करने के लिए भागीदारी की है।

हाल ही में, आरडीआईएफ ने नैदानिक परीक्षण डेटा के दूसरे अंतरिम विश्लेषण की घोषणा की, जिसमें पहली खुराक के बाद 28वें दिन वैक्सीन के लिए 91.4 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई गई है। इसके अलावा पहली खुराक के 42 दिनों के बाद 95 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता की बात कही गई है।

स्पुतनिक-वी क्लिनिकल परीक्षणों के तीसरे चरण में 40,000 स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें से 22,000 से अधिक स्वयंसेवकों को वैक्सीन की पहली खुराक दे दी गई है। इसके अलावा 19,000 से अधिक लोगों को पहली और दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है।

डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. जी.वी. प्रसाद ने कहा, "यह एक और महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि हम भारत में वैक्सीन लॉन्च करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए सरकारी निकायों के साथ कई संस्थाओं के साथ सहयोग करना जारी रखते हैं। हम आयात और स्वदेशी उत्पादन मॉडल के संयोजन के साथ टीका उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं।"

सितंबर 2020 में डॉ. रेड्डीज और आरडीआईएफ ने स्पुतनिक-वी वैक्सीन के नैदानिक परीक्षण और भारत में शुरुआती 10 करोड़ खुराक के वितरण के लिए साझेदारी की थी।

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